शिमला, 9 दिसम्बर (आईएएनएस)| जन्म से ही कटे-फटे होंठ वाले बच्चों के चेहरों पर मुस्कुराहट लौटाने की दिशा में हिमाचल प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम बढ़ाया है। एक गैर-सरकारी संगठन स्माइल ट्रेन इंडिया और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हिमाचल प्रदेश ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशालय के साथ मिलकर कटे-फटे होंठ और तालू के साथ पैदा हुए बच्चों के लिए मुफ्त सर्जरी करवाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता तीन साल के लिए है, जिसके अंतर्गत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के स्वास्थ्य कार्यकर्ता इलाज से वंचित बच्चों की पहचान करेंगे और जिला नोडल अधिकारी ऐसे बच्चों को नि:शुल्क सर्जरी की सुविधा प्रदान करने के लिए स्माइल ट्रेन इंडिया के निकटतम सहयोगी अस्पताल को रेफर करेंगे। स्माइल ट्रेन कटे-फटे होंठ व तालू से ग्रसित बच्चों के लिए सर्जरी करेंगे और सर्जरी के बाद देखभाल में मदद करेगी।
स्माइल ट्रेन ने वर्ष 2000 के बाद हिमाचल प्रदेश में 1700 से अधिक नि:शुल्क सर्जरी में मदद की है। स्माइल ट्रेन व हिमाचल प्रदेश सरकार के बीच हुए इस समझौते से ज्यादा से ज्यादा पीड़ित बच्चों को लाभ मिलेगा ताकि उन्हें सामान्य जीवन जीने का मौका मिल सके और उनके मनोबल में भी बढ़ोतरी हो सके।
नि:शुल्क उपचार के लिए स्माइल ट्रेन के सहयोगी अस्पतालों में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल शिमला, फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा, मांडव अस्पताल मंडी, पंचशील नर्सिग होम प्राइवेट लिमिटेड नगरोटा शामिल हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशालय, हिमाचल प्रदेश सरकार व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक मनमोहन शर्मा और स्माइल ट्रेन की सामरिक परियोजनाएं, दक्षिण एशिया की क्षेत्रीय निदेशक रेणु मेहता ने इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक मनमोहन शर्मा ने बताया कि आरबीएसके, हिमाचल प्रदेश सरकार और स्माइल ट्रेन इंडिया के बीच समझौता हुआ है ताकि कटे-फटे होंठ व तालू से ग्रसित राज्य के बच्चों को गुणात्मक स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित की जा सके। इस समझौते के बाद मुस्कान ट्रेन के सहयोगी अस्पतालों के माध्यम से पीड़ित बच्चों को समय पर नि:शुल्क इलाज उपलब्ध होगा और हम मिलकर ऐसे परिवारों के चेहरे पर मुस्कान ला पाने में कामयाब हो पाएंगे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में यह एक बड़ा कदम है।
साझेदारी पर बात करते हुए स्माइल ट्रेन की सामरिक परियोजनाएं, दक्षिण एशिया की क्षेत्रीय निदेशक रेणु मेहता ने कहा कि इस योजना और इसके इलाज के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हम हिमाचल प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त करते हैं। समय पर सर्जरी एक बच्चे को जीवन जीने का दूसरा मौका देती है। हमें यकीन है कि आरबीएसके के सहयोग से हम दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंचने में सक्षम होंगे, जहां पर अभी तक गुणात्मक उपचार या सर्जरी उपलब्ध नहीं है। संस्था ने हिमाचल प्रदेश में अब तक 1700 से अधिक सर्जरी प्रदान करने में मदद की है और यह साझेदारी हमें हमारी पहुंच बढ़ाने और ज्यादा से ज्यादा नि:शुल्क सर्जरी उपलब्ध करवाने में मदद करेगी।
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