हनीट्रैप कांड : एसआईटी ने जानकारी जुटाने को ईमेल आईडी बनाई

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इंदौर/भोपाल, 26 सितंबर (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश के हनीट्रैप कांड की जांच कर रही एसआईटी (विशेष जांच दल) ने हर छोटे-बड़े शहर, व गांवों में फैले किरदारों तक पहुंचने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है और इसके लिए उसने एक ईमेल आईडी बना दी है, जिस पर कोई भी व्यक्ति कहीं से भी इस तरह के अनैतिक कारोबार में शामिल लोगों के बारे में जानकारी दे सकता है।

हनीट्रैप कांड की जांच के लिए एसआईटी ने तेजी से काम करना शुरू कर दिया है। इसके मुखिया और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संजीव शमी भी बुधवार की रात इंदौर पहुंचे। उनका कहना है कि यह गंभीर मामला है। इसकी जांच के लिए जो एसआईटी बनी है, उसका महत्व बहुत ज्यादा है, समाज व राजनीति पर इसका असर भी बहुत ज्यादा है। जिसका अपराध पाया जाएगा, उसके नाम सामने आएंगे।

एसआईटी के सूत्रों के अनुसार, बीते दो दिनों में ही एसआईटी के पास कई महत्वपूर्ण जानकारियां हाथ चुकी हैं जो बताती हैं कि पकड़ी गईं महिलाओं का जाल राज्य के लगभग हर हिस्से तक फैला हुआ था। वे राजधानी और इंदौर से लेकर छोटे शहरों तक के लोगों को अपना शिकार बनाती थीं। एसआईटी उस हर व्यक्ति तक पहुंचना चाहती है जो इस तरह के कारोबार से जुड़ा रहा है।

एसआईटी ने अपनी योजना के मुताबकि, काम करना शुरू कर दिया है, उसी के तहत एक ईमेल आईडी ‘इन्फो डॉट एसआईटी एटदरेट एमपीपुलिस डॉट जीओवी डॉट इन’ बनाई है। सूत्रों का कहना है कि इस ईमेल आईडी के जरिए एसआईटी वह जानकारी हासिल करना चाहती है, जिसे बताते में लोग डरते हैं। इस ईमेल आईडी के जरिए उसके हाथ वह जानकारी आसानी से लग जाएगी जो लोगों के पास व्यक्तिगत तौर पर उपलब्ध है, और वे उसे साझा नहीं कर पाते।

सूत्रों का कहना है कि राज्य की सियासत और कारोबार में बीते डेढ से दो दशकों में कुछ लोगों ने बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है और उन लोगों से जुड़े किस्से सीमित क्षेत्रों तक सिमट कर रह गए है। एसआईटी बेवसाइट के जरिए उन लोगो तक भी पहुॅचना चाहती है जिन्होंने राज्य की संपत्ति को नुकसान पहुॅचाने का काम किया है । इसमें राज्य के विभिन्न हिस्सों में बसे लोग मददगार हो सकते है, इसी को ध्यान में रखकर एसआईटी ने ईमेल आईडी बनाई है। एसआईटी की सदस्य और इंदौर की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रुचिवर्धन मिश्रा का कहना है कि, कोई भी व्यक्ति इस बेवसाइट पर जानकारी दे सकता है।

ज्ञात हो कि, इंदौर की पुलिस ने एटीएस के सहयोग से हनीट्रैप सेक्स कांड का खुलासा किया। इस मामले में पांच महिलाएं पकड़ी जा चुकी है। एक छात्रा को भी इन महिलाओं ने अपने गिरोह का सदस्य बनाया था, उस छात्रा के पिता की षिकायत पर पुलिस ने मानव तस्करी का प्रकरण दर्ज कर लिया है। अभी तक की जांच में एक बात सामने आई है कि, इस गिरोह के लोग कालेज की छात्राओं का भी इस्तेमाल करते थे और छोटे शहरों की युवतियों को भी अपने साथ जोड़े हुए थे।

एसआईटी के हाथ लगी वीडियो-ऑडियो क्लिपिंग और तस्वीरें यह बताती है कि, पकड़ी गई महिलाओं की घुसपैठ काफी गहरी थी। बड़े अधिकारियों के साथ पार्टियां करना उनके लिए आम था। आमतौर पर वीकएंड शनिवार या रविवार को इनकी अफसरों, नेताओं और दलालों के साथ पार्टियां होती थी। इतना ही नहीं अधिकारियों और नेताओं को खुश करने के लिए कम उम्र की लड़कियांे को भी बाहर से बुलाया जाता था।

सूत्रों का कहना है कि पकड़ी गईं पांच महिलाओं में एक ही नाम की दो महिलाएं और उनका साथ देने वाली छतरपुर की महिला की आपस में काफी यारी थी और वे मिलकर नेता और अफसर को अपने जाल में फंसाती थीं। इस काम में उनके पति भी मदद करते थे। ये महिलाएं एनजीओ की फंडिंग से लेकर ठेके दिलाने तक के कारोबार और अफसरों के तबादले-पोस्टिंग में बड़ी भूमिका निभाती थीं। अच्छी आमदनी के चलते उनकी जीवनशैली ही बदल गई थी।

सूत्रों का कहना है कि भोपाल और इंदौर में अफसरों और नेताओं को अपना शिकार बनाने की जिम्मेदारी तीन प्रमुख महिलाओं पर होती थी और यही महिलाएं जरूरत पड़ने पर राज्य के बाहर स्वयं जाकर अपनी योजना को अंजाम देती थीं। इसके लिए बड़े होटलों में कमरे बुक कराए जाते थे, साथ ही बाहर से युवतियों को भी बुलाया जाता था। वहीं छोटे शहरों के अफसरों व नेताओं तक पहुंच बनाने के लिए उनकी बी टीम थी, जो संबंधित शहरों में निवासरत है उसे काम सौंप दिया जाता था, जिसे पूरा करना उनकी जिम्मेदारी हुआ करती थी।

सूत्र ने बताया कि छोटे नेता भी बड़े नेता और अफसर तक अपनी पहुंच बनाने के लिए इस गिरोह की महिलाओं का उपयोग करते थे। एसआईटी इन लोगों तक पहुंचने की भी तैयारी कर रही है, ताकि नेता छोटा हो या बड़ा, कोई बच न पाए।

 

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