भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (IIT Delhi) की एक शोधार्थी ने फूड के मामले में एक नया कमाल कर के दिखाया है। यहां एक शोधार्थी ने शाकाहारी मीट बनाने में सफलता हासिल की है। यह मीट प्लांट आधारित है। स्वाद व पोषण के मामले में यह शाकाहारी मीट बिल्कुल असली मीट की तरह है।
शाकाहारी मीट बनाने वाली शोधार्थी के इस टीम ने इससे पहले शाकाहारी अंडा भी तैयार किया था। उनके इस काम को यूनाइडेट नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (UNDP) की तरफ से पुरस्कृत भी किया गया है।
प्लांट आधारित शाकाहारी मीट तैयार करने में आईआईटी दिल्ली के सेंटर फॉर रूरल डेवलपमेंट एंड टेक्नोलॉजी की प्रो. काव्या दशोरा ने सफलता हासिल की है। प्रो. काव्या ने प्लांट आधारित चिकन पेटीज, फिश व मॉक आमलेट तैयार किया है।
प्रो. काव्या दशोरा के अनुसार उन्होंने अपने इस नए शाकाहरी मीट का ट्रायल बंगाल व पूर्वांचल के लोगों के बीच किया था। जिसके तहत रोजाना उनके भोजन का हिस्सा इस मीट को बनाया गया था। जो असली मछली व प्लांट आधारित मछली में अंतर नहीं कर पाए। मछली खाने वाले लोगों को जब बताया गया कि उन्होंने असली नहीं मॉक फिश खायी है तो उन लोगों को विश्वास नहीं हुआ।
प्रो. काव्या दशोरा का कहना है कि अधिकतर लोग स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को देखते हुए जानवरों का मांस खाना छोडऩा चाहते हैं, लेकिन उनके पास कोई विकल्प नहीं है। ऐसे में उनके लिए यह शाकाहारी मीट बेहतर विकल्प है।
प्रो काव्या दशोरा ने कहा कि, यह शाकाहारी मीट उन्होंने फल व सब्जियों से तैयार किया है। जिसके तहत फल और सब्जियों में पहले प्रोटीन खोजे गए। जिसके बाद फ्लेवर पर काम किया। इस मीट को भारतीयों की मसाला व तडक़े की पसंद को ध्यान में रखते हुए तैयार किया है।
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