अमेरिका के लोकतंत्र (US Democracy) में दुर्भाग्यपूर्ण इतिहास तब रचा गया। जब व्हाइट हाउस (White house) से जाते हुए डोनाल्ड ट्रंप पहले राष्ट्रपति बने, जिनके खिलाफ दो बार महाभियोग (Trump Impeached Twice) चलाया गया। डेमोक्रेट नेताओं ने ट्रंप की पार्टी यानी रिपब्लिक पार्टी (Republicans) के दस नेताओं की सहमति जुटाकर ट्रंप के खिलाफ महाभियोग (Second Impeachment Against Trump)की प्रक्रिया शुरू की। जबकि ट्रंप को पद पर एक हफ्ते से भी कम समय बचा है, ऐसे में उनके खिलाफ महाभियोग चलाया जाना अपने आप में एक इतिहास है। अब सवाल यह है कि ट्रंप महाभियोग में दोषी साबित हुए तो क्या होगा?
कुर्सी छोड़ते हुए ट्रंप के खिलाफ महाभियोग सफल हुआ तो यह तय है उन्हें लाखों करोड़ों डॉलरों का नुकसान हो सकता है। असल में, पिछले दिनों कैपिटल हिल पर हुई हिंसा को उकसाने और उग्र गतिविधियों का समर्थन ट्रंप को भारी पड़ गया। 232-197 के वोट से उनके खिलाफ महाभियोग शुरू हुआ। प्रक्रिया यह है कि प्रतिनिधि सभा अगर ट्रंप के खिलाफ आरोप बहुमत से पास करेगी तो मामला सीनेट के पास जाएगा।
सीनेट में दो तिहाई बहुमत ने अगर ट्रंप को दोषी माना तो महाभियोग के परिणाम ट्रंप को भुगतने होंगे। अगर ऐसा हो गया तो ट्रंप को कितनी कीमत चुकानी पड़ेगी? सबसे पहले तो यही जानिए कि अमेरिकी संविधान के मुताबिक सीनेट के पास महाभियोग के ज़रिये किसी राष्ट्रपति पर जीवन, आज़ादी या संपत्ति संबंधी किसी जुर्माने या ज़ब्ती के अधिकार नहीं हैं। सीनेट सिर्फ अयोग्य घोषित कर प्रेसिडेंट को पद से हटा सकती है।
जब कोई राष्ट्रपति व्हाइट हाउस से विदा होता है तो उसे कई तरह के लाभ मिलते हैं। लेकिन 1958 के पूर्व राष्ट्रपति एक्ट के तहत महाभियोग के तहत हटाए गए राष्ट्रपति को ये लाभ नहीं मिलते. अब इन लाभों पर एक नज़र डालिए तो आपको पता चलेगा कि ट्रंप का कितना नुकसान हो सकता है।
– पूर्व राष्ट्रपति को जीवन भर तकरीबन हर साल 2 लाख डॉलर पेंशन मिलती है।
– हर साल 10 लाख डॉलर तक यात्रा भत्ता मिलता है।
– सीक्रेट सर्विस प्रोटेक्शन का प्रावधान है।
– इनके अलावा, पूर्व राष्ट्रपति को 50,000 डॉलर का सालाना खर्च अकाउंट और 19,000 डॉलर मनोरंजन भत्ता भी मिलता है।
इसे ऐसे समझें कि अगर महाभियोग से हटाए जाने के बाद ट्रंप अगर अगले दस साल और जीते हैं, तो उन्हें पेंशन और यात्रा भत्ते में ही करीब 1.4 करोड़ डॉलर का नुकसान हो जाएगा. नुकसान सिर्फ वित्तीय ही नहीं होता, बल्कि प्रतिष्ठा और भविष्य को लेकर भी नुकसान होता है।
महाभियोग के तहत सीनेट के पास यह अधिकार है कि वो प्रेसिडेंट को भविष्य में किसी भी सरकारी पद से वंचित कर दे और वो भी ऐसे कि प्रेसिडेंट के पास इस संबंध में किसी अपील का अधिकार तक न हो. इसके अलावा, महाभियोग से हटाए जाने पर प्रेसिडेंट को मिलने वाला 4 लाख डॉलर का वेतन तो तत्काल बंद हो ही जाता है, सरकारी मकान, निजी हवाई जहाज़ और हेलिकॉप्टर भी छिन जाते हैं।
शायद किसी और राष्ट्रपति के सिलसिले में महाभियोग के ये नुकसान बहुत बड़े लगते हैं, लेकिन चूंकि प्रेसिडेंट ट्रंप राष्ट्रपति बनने से पहले और उसके साथ एक बड़े पूंजीपति और उद्योगपति रहे हैं इसलिए उनके लिए यह नुकसान अहम नहीं है। 2016 में राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने अपनी सैलरी को सरकार को डोनेट करते हुए सिर्फ 1 डॉलर वेतन के तौर पर लेने की बात कही थी।
ट्रंप को अगर इन भत्तों या वित्तीय सुविधाओं से वंचित कर भी दिया जाता है, तो इससे उन्हें फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि वो पहले ही अरबपति हैं। रिकॉर्ड यह है कि 2.5 अरब डॉलर की नेट संपत्ति रखने वाले ट्रंप अमेरिका के पहले अरबपति राष्ट्रपति भी रहे हैं। रियल एस्टेट और होटल्स के कारोबार में उनका काफी निवेश रहा है।
लेकिन, एक पहलू यह भी है कि उनकी कंपनी ट्रंप ऑर्गेनाइज़ेशन को जो बाइडन के राष्ट्रपति बनते ही मुश्किल समय से गुज़रना पड़ सकता है और कई तरह की जांचों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं अगर विवादों में यह कंपनी फंस गई तो बैंक भी हाथ खींच सकते हैं। गौरतलब है कि बड़े ग्लोबल बैंक ड्यूश बैंक ने पहले ही ‘विवादास्पद ब्रांड’ ट्रंप ऑर्गेनाइज़ेशन से रिश्ता खत्म करने का मन बना लिया है।
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