भारतीय सेना के एक अधिकारी ने अपने कौशल का इस्तेमाल करते हुए एक स्वदेशी रूप से एक ‘माइक्रोकॉप्टर’ तैयार किया है। इस माइक्रोकॉप्टर का उपयोग सेना द्वारा किसी इमारत या कमरे के अंदर छिपे हुए आतंकियों पर निगरानी करने के लिए किया जा सकेगा। इस माइक्रोकॉप्टर को लेफ्टिनेंट कर्नल जीवाईके रेड्डी ने विकसित किया है।
एक पैरा स्पेशल फोर्स बटालियन द्वारा जम्मू-कश्मीर में माइक्रो कंप्यूटर के परीक्षणों को सफलतापूर्वक किया गया है। खबरों की मानें तो माइक्रोकॉप्टर का परीक्षण किए जाने के बाद उसमें कुछ सुधार किए जा रहे हैं। भारतीय सेना ने सीमाओं के साथ निगरानी के लिए स्विच ड्रोन प्राप्त करने के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। मोहित बंसल, आइडिया फोर्ज के मुताबिक, वर्टिकल टेक ऑफ और लैंडिंग ड्रोन में 4,500 मीटर की अधिकतम ऊंचाई पर दो घंटे तक उड़ान भरने की क्षमता है।
बीते बुधवार को डीआरडीओ ने एक आधुनिक पिस्टल का प्रदर्शन किया, जिसका नाम एएसएमआई है। ये हथियार पूरी तरह से भारत में ही विकसित किया गया है। इसके पहले सैन्य बल 9 एमएम की पिस्टल का इस्तेमाल करते थे। उसके स्थान पर इसे काफी कारगर हथियार माना जा रहा है। बता दें कि ये ऑटोमैटिक पिस्टल आकार में भी ज्यादा बड़ी नहीं है। यही कारण है कि ऑपरेशन के दौरान जवान इसे आसानी से ले जा भी सकते हैं। ये आसानी से 100 मीटर तक अपने निशाने को भेद सकती है। ये इजरायल की यूजेडआई सीरीज की गन की श्रेणी में आती है।
इन सब के अलावा भारतीय सेना ने एक और खास उपलब्धि हासिल की है। सेना के मेजर अनूप मिश्रा ने दुनिया की पहली यूनिवर्सल बुलेटप्रूफ जैकेट विकसित की है। इस स्वदेशी बुलेटप्रूफ जैकेट को ‘शक्ति’ नाम से पुकारा जाएगा। इस जैकेट को लेकर खास बात यह है कि इसे महिला और पुरुष दोनों पहन सकते हैं। इसकी यही खूबी इसे बाकी बुलेटप्रूफ जैकेट से अलग बनाती है।
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