भारत की जीएस लक्ष्मी ने रचा इतिहास, ICC की पहली महिला मैच रेफरी बनीं

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भारत की जीएस लक्ष्मी आईसीसी मैच रेफरी के अंतरराष्ट्रीय पैनल में शामिल होने वाली पहली महिला बन गयी हैं और वह तुरंत प्रभाव से अंतरराष्ट्रीय मैचों में अपनी सेवाएं दे सकती हैं। घरेलू महिला क्रिकेट में 2008-09 से मैच रेफरी की भूमिका निभा रही 51 वर्षीय लक्ष्मी अब तक महिलाओं के तीन वनडे और तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय में मैच रेफरी रह चुकी हैं।

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल ने जीएस लक्ष्मी का आईसीसी के मैच रेफरी के अंतर्राष्ट्रीय पैनल में शामिल होने पर स्वागत किया है। वहीं उनसे पहले इसी महीने क्लेयर पोलोसक पहली बार पुरुष वनडे मैचों का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली महिला अंपायर बनी थीं और अब उनके बाद लक्ष्मी से भी अंतर्राष्ट्रीय खेलों में बेहतर उम्मीद की कामना की जा रही है।

इस उपलब्धि पर जीएस लक्ष्मी का कहना है कि “आईसीसी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पैनल में चुना जाना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है, क्योंकि यह मेरे लिए नए रास्ते खोलेगा। मेरा भारत में एक क्रिकेटर और मैच रेफरी के रूप में लंबा करियर रहा है। मैं अपने अनुभव को एक खिलाड़ी और मैच अधिकारी के रूप में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छी तरह से उपयोग करने की आशा करती हूं।”

उन्होंने कहा, “मैं आईसीसी, बीसीसीआई के अधिकारियों और उन सभी खिलाड़ियों का धन्यवाद करती हूं, जिन्होंने मेरा समर्थन किया है। मैं अपनी पूरी क्षमता का प्रदर्शन करूंगी और अपनी जिम्मेदारियों पर खरा उतरने का प्रयास करूंगी।”

इसी दौरान ऑस्ट्रेलिया की एलोसन शेरिडन ने अपने ही वतन की पोलोसक को आईसीसी के अंपायरों के डेवलेपमेंट पैनल में भी शामिल कर लिया है, जिसके बाद अब इसके सदस्यों की संख्या आठ हो गई है। आईसीसी के अंपायर के डेवलेपमेंट पैनल में शामिल होने वाली पहली महिला कैथी क्रॉस थी, जो कि पिछले साल ही रिटायर हो गईं हैं। वहीं उनके अलावा अब इस पैनल में लॉरेन एजेनबैग, किम कॉटन, शिवानी मिश्रा, सुई रेडफ्रेन, मेरी वॉल्ड्रन और जेकलीन विलियम भी शामिल हैं।

लक्ष्मी के इस पद पर नियुक्ति के बाद आईसीसी के अंपायर और रेफरी के सीनियर मैनेजर एड्रियन ग्रिफिथ ने कहा है कि ‘हम लक्ष्मी और एलॉस का पैनेल में स्वागत करते हैं। उनकी नियुक्ति महिला अधिकारियों को प्रोत्साहित करने की हमारी प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण कदम है। उनकी इस प्रगति को देखकर काफी खुशी हुई है और यह अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का उदाहरण बनेगा। मैं उन्हें लंबे और सुखद करियर के लिए शुभकामनाएं देता हूं।”

इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि “अपने कर्मचारियों के बीच अधिक से अधिक लिंग समानता सुनिश्चित करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं लेकिन नियुक्तियां पूरी तरह से योग्यता के आधार पर ही की जाती हैं। एक कड़ी चयन प्रक्रिया और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सभी खूबियों को देखने के बाद ही योग्य अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है। यही कारण है कि हम लगातार उच्च प्रदर्शन के जरिए ही अपने पैनल में और अधिक महिलाओं को जोड़ने में सक्षम हुए हैं।”

जबकि घरेलू महिला क्रिकेट में 2008-09 के दौरान मैच रेफरी के पद पर रहने वाली 51 साल की लक्ष्मी ने तीन महिला वनडे मैचों और 3 महिला टी20 मैचों की निगरानी की है।

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