नई दिल्ली, 10 अप्रैल (आईएएनएस)| भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग का कहना है कि 2007 में शुरु हुई इंडियन क्रिकेट लीग (आईसीएल) पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा लगाया गया प्रतिबंध गलत था।
उन्होंने यह बात राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को इंडो इंटरनेशनल प्रीमियर कबड्डी लीग (आईपीकेएल) के लांच के मौके पर कही।
सहवाग ने साथ ही कहा कि लीग चाहे कोई भी हो उसमें खेलने वाले खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगाना गलत है। सहवाग ने यह बात आईपीकेएल में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगने की संभावना के संबंध में कही।
भारत में कबड्डी की दो राष्ट्रीय महासंघ काम कर रही हैं। एक है भारतीय एमेच्योर कबड्डी महासंघ (एकेएएफआई) और दूसरी है राष्ट्रीय कबड्डी महासंघ (एनकेएफ)। एकेएफआई को भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) से मान्यता प्राप्त है। हालांकि एकेएफआई की मान्यता को लेकर कई तरह के केस अदालत में हैं और इसे लेकर विवाद भी चल रहा है।
ऐसे में जब सहवाग से पूछा गया कि दो संघों की मान्यता को लेकर चल रहे विवाद में अक्सर खिलाड़ियों का नुकसान होता है और खिलाड़ियों पर भी प्रतिबंध का डर रहता है तो सहवाग ने कहा, “खिलाड़ियों के ऊपर बैन नहीं लगना चाहिए। यह खेल मंत्रालय फैसला लेगा कि किसे मान्यता मिले। अगर खिलाड़ी यह लीग खेल रहे हैं तो चयनकर्ताओं के लिए खिलाड़ियों को चुनना आसान हो जाता है। बैन करने से खिलाड़ियों का नुकसान है क्योंकि वह खेल नहीं पाएगा और इससे अच्छा है कि वह लगातार खेले क्योंकि खिलाड़ी खेलेगा तभी सुधार करेगा।”
उनके इस जबाव पर जब उनसे पूछा गया कि क्या आईसीएल पर प्रतिबंध गलत था तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था। सहवाग ने आईसीएल के संदर्भ में कहा, “आईएसएल पर लगा प्रतिबंध बाद में हट गया था लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए था।”
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने आईसीएल को मान्यता नहीं दी थी और इस पर प्रतिबंध लगा दिया था। साथ ही इसमें खेलने वाले खिलाड़ियों पर भी प्रतिबंध लगाया था। हालांकि बाद में लीग खत्म हो गई थी और बीसीसीआई ने उस पर से प्रतिबंध भी हटा लिया था।
इस लीग की खास बात यह है कि इसके रेवेन्यू का 20 फीसदी हिस्सा खिलाड़ियों को मिलेगा। सहवाग ने कहा कि यह खिलाड़ियों के लिए अच्छी बात है क्योंकि क्रिकेट में पूर्व खिलाड़ियों ने 2002 में इसी तरह की लड़ाई लड़ी थी और इसी कारण आज के खिलाड़ियों को फायदा होता है।
सहवाग ने कहा, “यह अहम है। आप नीलामी में जाते हो तो हो सकता है कि आपको ज्यादा पैसा ना मिले। लेकिन यह रेवन्यू शेयर है जो सभी को मिलेगा। 20 फीसदी हिस्सा सभी खिलाड़ियों में बराबर बंटेगा। तो यह एक परमानेंट इनकम हो जाती है। क्रिकेट में तो हमने देखा कि हमने लड़ाई लड़ी थी तब जा के हमें बीसीसीसीआई से 26 फीसदी मिलना शुरू हुआ, लेकिन किसी और खेल में ऐसा नहीं हैे। तो यब कबड्डी के लिए अच्छी बात है। शायद इसी कॉनसेप्ट को और खेल भी उठाएं और इसे अपना हिस्सा बनाएं।
उन्होंने कहा, “आईपीएल बीसीसीआई के अंतर्गत आता है और बीसीसीआई वैसे ही खिलाड़ियों को 26 फीसदी देती है। 13 फीसदी घरेलू खिलाड़ियों को तो 13 फीसदी अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को।
पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा, “2002 में एक किस्सा हुआ था जहां बीसीसीआई और खिलाड़ियों में अनबन हुई थी, लेकिन उसके बाद से तो कुछ नहीं हुआ क्योंकि दोनों एक ही चीज चाहते थे कि भारतीय टीम अच्छी हो। इस मुद्दे को एक टेबल पर बैठ कर सुलझाया जा सकता है और सुलझाया भी गया।”
सहवाग ने कहा, “क्योंकि आज अगर आईपीएल में खिलाड़ियों को इतने पैसे मिल रहे हैं तो शायद इसका योगदान अनिल कुंबले, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ को जाता है क्योंकि वो अगर यह लड़ाई नहीं लड़ते तो शायद क्रिकेट में इतना पैसा भी नहीं आता और खिलाड़ियों को पैसे भी नहीं मिलते। इसलिए खिलाड़ियों को रोका नहीं जाना चाहिए। यह खेल मंत्रालय फैसला ले कि कौन संघ बनाएगा कौन नहीं।”
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…