नई दिल्ली, 26 दिसंबर (आईएएनएस)| पीपुल्स यूनियन ऑन डेमोक्रेटिक राइट्स की तथ्य खोजने वाली टीम ने जामिया मिलिया इस्लामिया में हुई हिंसा की अपने रिपोर्ट में कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर दो बार हमला किया था, जिसमें पहली बार हमला 13 दिसंबर को हुआ था। वहीं, दूसरी बार घटना 15 दिसंबर को घटी थी।
पीयूडीआर रिपोर्ट के अनुसार, “15 दिसंबर से पहले 13 दिसंबर को जब प्रदर्शनकारी संसद भवन की ओर रुख कर रहे थे, तब पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए उन पर लाठी चार्ज किया था और आंसूगैस के गोले भी छोड़े थे।”
इसमें कहा गया है कि दिल्ली पुलिस ने परिसर में घुसने के बाद विद्यार्थियों पर बल प्रयोग किया। वहीं 15 दिसंबर को भी पुलिस ने रणनीति के तहत योजनाबद्ध तरीके से इस तरह का बल प्रयोग किया था जो दुश्मनों के खिलाफ किया जाता है, न कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ।
रिपोर्ट में कहा गया है कि विद्यार्थी 12 दिसंबर से प्रदर्शन कर रहे थे। तथ्यों की खोज करने वाली टीम ने चश्मदीद विद्यार्थी और अन्य लोगों से मुलाकात की थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस बल का प्रयोग अनुचित था, वहीं पुलिस का कहना है कि बल प्रयोग केवल पथराव को रोकने के लिए था। लेकिन पुलिस द्वारा दागे गए आंसूगैस के 400 गोले और लोगों के सिर और पेट पर पिटाई के निशान कुछ और ही बता रहे हैं।
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…