जामिया में तनाव बढ़ाने के लिए जेएनयू में हिंसा हुई : एबीवीपी

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नई दिल्ली, 6 जनवरी (आईएएनएस)| अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई हिंसा के लिए वाम दलों को जिम्मेदार ठहराया है। विश्वविद्यालय परिसर में सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान एबीवीपी ने दावा किया कि इस हमले में उसके कम से कम 25 कार्यकर्ता घायल हुए हैं, जबकि घटनाक्रम के बाद से उसके 10 कार्यकर्ता लापता हैं।

एबीवीपी की जेएनयू शाखा के नेता ललित ने दावा किया, “साबरमती हॉस्टल पर हमला किया गया। छात्रों को नए सेमेस्टर में पंजीकरण करने से रोकने के लिए पूरी हिंसा की गई है।”

उन्होंने एबीवीपी द्वारा पूर्व में ट्वीट किए गए एक कथित वीडियो का जिक्र करते हुए कहा, “आइशी (जेएनयूएसयू अध्यक्ष) जब पेरियार हॉस्टल की तरफ गुंडों का नेतृत्व कर रही थी, उसके बारे में वह क्या कहेंगी, जहां थोड़ी ही देर बाद तोड़फोड़ की गई?”

मनीष जागिड़ नामक छात्र ने आरोप लगाया कि रविवार को वाम दल से जुड़े छात्र पेरियार छात्रावास में पहुंचे और चिल्लाने लगे, ‘कहां है मनीष?’

मनीष 2019 में जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में एबीवीपी के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार थे। रविवार की हिंसा में उनका बाएं हाथ की हड्डी टूट गई है।

इस बीच एबीवीपी कार्यकर्ता निधि त्रिपाठी ने रविवार की हिंसा को पूर्व नियोजित बताया। उन्होंने कहा, “कल की हिंसा एक योजनाबद्ध थी। पांच जनवरी से पहले ऐसा कुछ क्यों नहीं हुआ। यह घटनाक्रम पांच तारीख को हुआ, क्योंकि जामिया को खोलने की तैयारी थी।”

त्रिपाठी ने कहा, “इस कृत्य के पीछे के रणनीतिकार जामिया में फिर से तनाव की स्थिति चाहते हैं।”

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में 15 दिसंबर को हिंसक प्रदर्शन होने के बाद 16 दिसंबर को जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय को बंद कर दिया गया था। इस दौरान विश्वविद्यालय की परीक्षाएं भी रद्द कर दी गईं और यहां पांच जनवरी तक छुट्टी घोषित कर दी गई।

त्रिपाठी ने जेएनयू परिसर में देर से पहुंचने के लिए दिल्ली पुलिस पर भी हमला किया।

वामपंथियों के इस आरोप का जवाब देते हुए कि हिंसा एबीवीपी द्वारा की गई थी, त्रिपाठी ने कहा, “लेफ्ट के लोगों को एबीवीपी फोबिया है। अगर उनका बस चले तो वह अमेरिका पर हुए हमले के लिए भी हमें दोषी ठहरा दें।”

कई नकाबपोशों ने रविवार को जेएनयू परिसर के अंदर घुसकर छात्रों और शिक्षकों को लाठी-डंडों व रॉड से पीटा, जिससे 35 छात्र-छात्राएं व शिक्षक घायल हो गए हैं। कई घायलों को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया है।

वामपंथी और एबीवीपी ने हमले के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है।

 

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