नागरिकता संशोधन कानून (CAA), एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ आंदोलनों का सिलसिला लगातार जारी है। दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया और शाहिन बाग से शुरू हुए विरोध-प्रदर्शनों का असर पूरे देश में देखा जा रहा है। वहीं जामिया में भी छात्र, सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय लोग हफ्तों से अनिश्चिकालिन धरने पर बैठे हुए है। यह धरना अब 24 घंटे चलता रहता है।
धरने में शामिल लोग लोग सरकार से CAA, NRC और NPR के वापसी की मांग कर रहे हैं। लोगों की यह भी शिकायत है कि सरकार का कोई प्रतिनिधि आंदोलनकारियों से बात करने नहीं आ रहा है। न्यूज्ड से बात करते हुए एक स्टूडेंट ने कहा, “अगर सरकार को यह लगता है कि उन्होंने कानून बनाकर सही किया है तो प्रधानमंत्री मोदी को हम प्रदर्शनकारियों से आकर बात करने में क्या दिक्कत है। एक धर्म निरपेक्ष देश में जहां का संविधान धर्म के नाम पर भेदभाव की इजाजत नहीं देता, ऐसे में CAA से बाहर रखने का क्या संवैधानिक आधार है।” पूरी बातचीत के लिए वीडियो देखें।
This post was last modified on January 24, 2020 2:14 PM
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