सुदर्शन टीवी चैनल पर प्रसारित एक विवादित प्रोमो के मद्देनजर जामिया मिलिया इस्लामिया ने शिक्षा मंत्रालय को पत्र लिखकर इस मुद्दे की जानकारी दी है और उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
अपने पत्र में, विश्वविद्यालय ने कहा है कि सुदर्शन टीवी ने न केवल विश्वविद्यालय और एक विशेष समुदाय की छवि को धूमिल करने की कोशिश की है बल्कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की छवि को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है।
सुदर्शन टीवी के एडिटर-इन-चीफ सुरेश चव्हाणके के एंकरिंग वाले प्रोमो में, यूपीएससी परीक्षा के माध्यम से नौकरशाही में मुसलमानों के प्रवेश पर सवाल उठाते हुए देखा गया, जिसके बाद जामिया ने यह कदम उठाया है।
चव्हाणके ने 25 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस को टैग करते हुए प्रोमो भी ट्वीट किया और इसे 10 लाख से अधिक बार देखा गया।
नौकरशाही में मुसलमानों को ‘घुसपैठियो’ की संज्ञा देते हुए, उन्होंने यह भी सवाल उठाया था समुदाय के सदस्य प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा को बड़ी संख्या में कैसे पास कर रहे हैं। उन्होंने जामिया की आवासीय कोचिंग अकादमी के छात्रों को ‘जामिया के जिहादियों’ के रूप में बताया था।
ट्वीट को लेकर मीडिया यूजर्स ने तीखी प्रतिक्रिया दी और उनके अकाउंट को सस्पेंड करने और एफआईआर दर्ज करने की मांग की।
इस बीच, आईएएस एसोसिएशन ने भी चैनल की निंदा करते हुए ट्वीट किया है, “सुदर्शन टीवी द्वारा धर्म के आधार पर नागरिक सेवाओं में उम्मीदवारों को निशाना बनाने वाली एक खबर को बढ़ावा दिया जा रहा है। हम पत्रकारिता के सांप्रदायिक और गैरजिम्मेदाराना रूप की निंदा करते हैं।”
–आईएएनएस
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