जेएनयू छात्रों पर हमलों की नेताओं ने निंदा की

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नई दिल्ली, 6 जनवरी (आईएएनएस)| जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर के भीतर छात्रों और शिक्षकों पर हुए हमलों की राजनीतिक दलों के नेताओं ने निंदा की है। निंदा के साथ हिंसा को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी शुरू हो गया है।

रविवार को विश्वविद्यालय में हुई हिंसा में कई नकाबपोशों ने लाठियों व लोहे की रॉड से छात्र-छात्राओं व शिक्षकों की पिटाई की।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) की अध्यक्ष आइशे घोष सहित दो पदाधिकारी बुरी तरह से घायल हो गए। जेएनयूएसयू ने इस हिंसा के लिए आरएसएस की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) पर आरोप लगाया। जबकि, एबीवीपी ने हिंसा के लिए वाम को जिम्मेदार ठहराया। उसने दावा किया कि उसके 25 कार्यकर्ता घायल हुए हैं, जबकि हमले के बाद से 10 कार्यकर्ता गायब हैं।

जेएनयू प्रशासन ने छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

कुलपति एम. जगदीश कुमार ने छात्रों को आश्वासन दिया कि हिंसा में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उचित कार्रवाई की जाएगी।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने हिंसा के लिए कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और वाम दलों को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने कहा, “कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और कम्युनिस्टों के साथ मिलकर कुछ तत्व जानबूझकर पूरे भारत और खासकर विश्वविद्यालयों में हिंसा का माहौल बनाना चाहते हैं। उनके खिलाफ जांच होनी चाहिए।”

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जेएनयू में रविवार की हिंसा की तुलना मुंबई में 26/11 आतंकवादी हमलों से की।

उन्होंने कहा, “हमलावरों के चेहरे ढंके हुए क्यों थे? वे छिप क्यों रहे हैं? मुझे मुंबई के आतंकवादी हमले की याद आ गई..वे कायर हैं।”

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हमले को लोकतंत्र के लिए शर्मनाक करार दिया।

उन्होंने ट्वीट किया, “इस तरह के जघन्य कृत्य को बताने के लिए कोई भी शब्द कम पड़ जाएगा।”

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह जेएनयू में हिंसा के बारे में जानकर स्तब्ध हैं।

केजरीवाल ने कहा, “छात्रों पर क्रूरतापूर्ण हमला किया गया। पुलिस को तत्काल हिंसा रोकनी चाहिए और शांति बहाल करना चाहिए। अगर छात्र विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षित नहीं हैं तो देश कैसे प्रगति करेगा।”

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा, “लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है और इस तरह के हमले की स्पष्ट तौर पर निंदा की जानी चाहिए। कानून प्रवर्तन एजेंसियों से अपील है कि वे दोषियों को पकड़ने के लिए तत्काल कार्रवाई करें। घायल छात्रों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने हमले के लिए संघ परिवार को जिम्मेदार ठहराया और ‘विश्वविद्यालयों में रक्तपात को रोकने के लिए अपनी क्रूर योजना को खत्म करने को कहा।’

घटना को स्तब्ध करने वाला बताते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, “फासिस्ट हमारे बहादुर छात्र-छात्राओंकी आवाज से डरते हैं। जेएनयू की हिंसा उस डर को दिखाती है।”

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने हिंसा के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि यह एक सरकार के लिए बेहद दुखद करने वाला है कि वह इस तरह की हिंसा को ‘प्रोत्साहित करती है।’

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने इस हमले को शर्मनाक बताया और घटना की न्यायिक जांच की मांग की।

 

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