जेजीयू ने जिंदल स्कूल ऑफ साइकोलॉजी एंड काउंसलिंग की स्थापना की

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नई दिल्ली, 30 सितंबर (आईएएनएस)। हरियाणा के सोनीपत स्थित ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) ने विश्वविद्यालय की 11वीं वर्षगांठ के मौके पर एक नया स्कूल, जिंदल स्कूल ऑफ साइकोलॉजी एंड काउंसलिंग (जेएसपीसी) स्थापित किया है।

मानव मनोविज्ञान एवं मानसिक स्वास्थ्य को समझने और प्रोत्साहित करने की बढ़ती आवश्यकता को देखते हुए जेजीयू की ओर से इन क्षेत्रों में शिक्षण और अनुसंधान के लिए शुरू किया गया यह दसवां स्कूल है।

मनोविज्ञान के क्षेत्र में योगदान करने के लिए युवा छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए जिंदल स्कूल ऑफ साइकोलॉजी एंड काउंसलिंग एक गतिशील और संसाधन केंद्र के निर्माण में योगदान देगा।

जेजीयू के 10वें स्कूल के उद्घाटन के लिए गेस्ट ऑफ ऑनर के तौर पर इंस्टीट्यूट ऑफ साइकियाट्री, साइकोलॉजी एंड न्यूरोसाइंस, किंग्स कॉलेज, लंदन के कार्यकारी डीन इयान पॉल एवरॉल और इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर एंड एलाइड साइंसेज, दिल्ली सरकार के निदेशक निमेश जी. देसाई ने शिरकत की।

जेएसपीसी में विविध प्रोफेसरों और विशेषज्ञों का समूह होगा, जिनमें प्रत्येक अपने स्वतंत्र मनोविज्ञान अनुसंधान कार्यक्रम के साथ और संकाय अनुसंधान की सुविधा एवं छात्र प्रशिक्षण के उपयोग के लिए विभिन्न मनोवैज्ञानिक उपकरणों के साथ एक प्रयोगात्मक प्रयोगशाला स्थापित करेंगे।

अंतर्राष्ट्रीय छात्र विनिमय कार्यक्रम छात्रों को एक अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान की बारीकियां और इसके विस्तृत अध्ययन करने में मदद करेंगे।

कक्षा के बाहर भी प्रत्येक छात्र को विशेष फैकल्टी की ओर से सलाह दी जाएगी, जिससे उन्हें अनुसंधान में सीधे तौर पर सहायता मिलेगी। आने वाले वर्षो में परास्नातक (मास्टर्स) और पीएचडी पाठ्यक्रम भी शुरू किया जाएगा।

इसके साथ ही जेएसपीसी का उद्देश्य एक ऑनलाइन पत्रिका शुरू करना और प्रकाशित करना है, जो फैकल्टी और छात्रों के लिए नवीनतम निष्कर्षों और प्रशंसाओं का दस्तावेजीकरण करने के लिए सहायक सिद्ध होगी।

ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलपति सी. राज कुमार ने इस अवसर पर कहा, “जेजीयू द्वारा पांच मार्गदर्शक सिद्धांतों के आधार पर जिंदल स्कूल ऑफ साइकोलॉजी एंड काउंसलिंग (जेएसपीसी) का शुभारंभ किया जा रहा है, जिसमें मानविकी और सामाजिक विज्ञान के व्यापक संदर्भ में मनोवैज्ञानिक अध्ययन के अंत:विषय आयाम शामिल हैं। स्कूल की स्थापना के पीछे दूसरा सिद्धांत मनोविज्ञान के व्यापक क्षेत्र में शोध की भावना पैदा करना है।”

–आईएएनएस

एकेके/एसजीके

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