झांसी मंडल के रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को मिलेगा ओआरएस घोल

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झांसी/ग्वालियर, 15 जून (आईएएनएस)| झांसी मंडल के रेलवे स्टेशनों से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए यह एक अच्छी खबर है। रेलवे अपने कई स्टेशनों पर यात्रियों को ओआरएस घोल उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है। सब ठीक ठाक रहा तो आने वाले दिनों में यात्रियों को चाय-काफी, शीतल पेय की तरह ओआरएस घोल भी मिलने लगेगा।

पिछले दिनों गाड़ी संख्या 12626 केरला एक्सप्रेस में गर्मी के कारण कई यात्रियों की तबीयत बिगड़ गई और चार बुजुर्ग यात्रियों की लू व गर्मी के कारण मौत हो गई थी। उसके बाद रेलवे के झांसी मंडल ने यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष प्रयास शुरू किए, और इसी क्रम में स्टेशनों पर ओआरएस घोल उपलब्ध कराने का कदम भी शामिल है।

विशेषज्ञों के अनुसार, गर्मी के मौसम में पसीना ज्यादा निकलने पर लोगों को कई तरह की परेशानी होने लगती है। सबसे ज्यादा दिक्कत बुजुर्गो और बच्चों को होती है। ऐसे में ओआरएस घोल काफी मददगार सबित होता है, क्योंकि पसीना के जरिए शरीर से निकले लवण की पूर्ति ओआरएस घोल से संभव है। रेलवे के झांसी मंडल ने इस दिशा में पहल की है।

झांसी मंडल के जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने आईएएनएस को बताया, “प्रायोगिक तौर पर ओआरएस घोल उपलब्ध कराने की व्यवस्था ग्वालियर और झांसी के रेलवे स्टेशनों पर की गई है। अभी यह काम रेलवे के कर्मचारी ही नि:शुल्क कर रहे हैं।”

सिंह ने कहा, “झांसी मंडल के रेलवे स्टेशनों पर ओआरएस घोल मिले, इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार कर वरिष्ठ अधिकारियों के पास भेजा गया है। मंजूरी मिलते ही स्टेशनों पर ओआरएस घोल उपलब्ध कराया जाएगा। यह निर्धारित दर पर यात्रियों को मिलेगा। यह घोल स्टॉलों पर उपलब्ध कराया जाएगा, जहां से खाद्य सामग्री मिलती है। इसकी दर क्या होगी, किस रूप में मिलेगा, इसका बाद में निर्धारण होगा।”

झांसी मंडल में रेलवे के कुल 158 स्टेशन है। इनमें से कई ऐसे है, जहां बहुत कम यात्री गाड़ियों की आवाजाही है। ओआरएस घोल की आपूर्ति का फैसला होने के बाद ही रेलवे मंडल यह तय करेगा कि किन स्टेशनों पर यात्रियों की आमद पर्याप्त है और वहां ओआरएस घोल यात्रियों के लिए मददगार हो सकता है। उसके बाद ही आगे की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।

झांसी रेल मंडल के अंतर्गत आने वाले सभी रेलवे स्टेशन गर्मी के मौसम में सबसे ज्यादा तपने वाले इलाकों में आते हैं। उदाहरण के तौर पर खजुराहो, टीकमगढ़, छतरपुर, ललितपुर सहित कई ऐसे इलाके हैं, जहां तापमान 47-48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने लगा है। इन स्थानों पर बुजुर्गो और बच्चों के लिए ऊर्जा प्रदान करने वाले पेय पदार्थ की उपलब्धता आवश्यक है। इसमें ओआरएस घोल सबसे ज्यादा लाभकारी है।

 

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