नई दिल्ली, 18 फरवरी (आईएएनएस)| झारखंड में बच्चा बेचने के आरोप में पिछले 222 दिनों से जेल में बंद मिशनरीज ऑफ चैरिटी की नन व निर्मल हृदय की कर्मचारी सिस्टर कॉन्सेलिया के गंभीर बीमारियों से पीड़ित होने और हालत खराब होने के बावजूद उसे जमानत नहीं मिली है। कैथोलिक विशप्स कांफ्रेंस आफ इंडिया ने एक बयान में कहा कि बच्चा चुराने के कथित मामले में नन को सात महीने पहले गिरफ्तार किया गया था हालांकि पुलिस अब तक उसके खिलाफ आरोपपत्र तक दायर नहीं कर सकी है। इस बीच सरकार ने निर्मल हृदय समेत 16 चाइल्ड केयर इंस्टिट्यूशंस (सीसीआई) के लाइसेंस भी रद्द कर दिए हैं ।
डायबिटीज और वैरिकोस वेंस से पीड़ित बुजुर्ग महिला सिस्टर कॉन्सेलिया पर लगे आरोप को बिशप ने फर्जीवाड़े से प्रेरित बताया है। वहीं उनके सहकर्मी लगातार उनकी बेगुनाही का हवाला दे रहे हैं। सहकर्मियों का दावा है कि नन के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई फर्जीवाड़े और निचले स्तर की राजनीति से प्रेरित है।
सीबीसीआई के महासचिव बिशप थियोडोर मस्कारेन्हस ने कहा, “नन को फंसाने के लिए गलत ढंग से सबूतों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। इस मामले में हम इतने लाचार हैं कि सिर्फ भगवान से दुआ कर सकते हैं। उन्हें जमानत पर रिहा कराने की हर कोशिश बेकार साबित हुई है।”
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