झारखंड के स्थानीय लोगों ने रिहाना के ब्यूटी ब्रांड के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया

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नई दिल्ली, 12 फरवरी (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय पॉप स्टार रिहाना के कॉस्मेटिक ब्रांड, फेंटी ब्यूटी के खिलाफ यहां डीएलएफ प्रोमेनेड मॉल के बाहर झारखंड के स्थानीय लोगों के एक समूह की ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया।

दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट करने के बाद अंतर्राष्ट्रीय पॉप स्टार रिहाना की भारत में मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पहले तो वो किसानों का समर्थन कर बॉलीवुड से लेकर भारतीय खिलाड़ियों के निशाने पर आईं। अब उनके खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन भी शुरू कर दिए हैं।

आंदोलनकारियों ने आरोप लगाया कि फ्रांसीसी बहुराष्ट्रीय सेपोरा की ओर से इसकी मार्केटिंग की जाती है, जो कि बाल शोषण में शामिल है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब से यह अभ्रक का उपयोग कर रही है, तभी से बच्चों का शोषण जारी है, जिसका खनन झारखंड में होता है और इसे निकालने के लिए लाखों बच्चे मजदूर के तौर पर शामिल होते हैं।

प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि वे दो स्वयंसेवी संगठनों से जुड़े हैं, जो कि बच्चों के कल्याण के लिए काम करते हैं और इनका फोकस विशेष रूप से बाल श्रम के खिलाफ रहता है।

सेवा संस्कार फाउंडेशन के अध्यक्ष जावेद मलिक ने कहा कि वे सौंदर्य ब्रांड पर कार्रवाई का अनुरोध करने के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) को एक ज्ञापन सौंपेंगे।

उन्होंने कहा, रिहाना जैसे लोगों के यह ब्रांड बचपन को बदसूरत बना रहे हैं, ताकि दूसरों को आकर्षक बना सकें।

मलिक हाल ही में रिहाना की ओर से किसान आंदोलन के संदर्भ में किए गए ट्वीट से भी नाखुश दिखे और उन्होंने इसे राष्ट्र विरोधी कृत्य करार दिया।

झारखंड बाल स्वैच्छिक मंच से जुड़े संजय मिश्रा ने कहा, ऐसी बहुराष्ट्रीय कंपनियां झारखंड के बच्चों का बचपन छीन रही हैं।

इस बीच, पुलिस मौके पर पहुंची और प्रतिभागियों को विरोध प्रदर्शन की अनुमति दिखाने को कहा, जिसे वे प्रस्तुत करने में विफल रहे।

हालांकि, उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।

वसंत कुंज पुलिस स्टेशन में सहायक उप-निरीक्षक, सुरेंद्र कुमार ने कहा, धारा 144 लागू है, जिसमें चार से अधिक लोगों का एक जगह एकत्रित होना निषिद्ध है। इसके अलावा, उन्हें इस तरह से एकत्रित होने के लिए पहले पुलिस को सूचित करना चाहिए था। उन्होंने इसके लिए हमसे कोई अनुमति नहीं ली थी।

भारतीय खानों से अभ्रक (माइका) का उपयोग करने के लिए रिहाना का ब्रांड एनसीपीसीआर के दायरे में है, जहां बाल मजदूर कथित तौर पर गंभीर परिस्थितियों में काम करते हैं।

एनसीपीसीआर को ब्यूटी ब्रांड के खिलाफ लीगल राइट्स ऑब्जर्वेटरी (एलआरओ) एनजीओ से शिकायत मिली है और खदान में होने वाले कार्य की जांच करने की मांग की गई है।

बता दें कि रिहाना के अलावा जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और पूर्व पोर्न स्टार मिया खलीफा जैसी कुछ अन्य अंतर्राष्ट्रीय हस्तियों ने भी किसानों के विरोध पर ट्वीट करते हुए अपना समर्थन व्यक्त किया है।

–आईएएनएस

एकेके/एएनएम

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