नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। झारखंड के कई विभागों में जल्दबाजी में खर्च हुई 6,342 करोड़ रुपये की धनराशि सवालों के घेरे में आ गई है। देश की सर्वोच्च ऑडिट एजेंसी सीएजी ने सिर्फ तीन महीनों के अंदर खर्च हुई भारी धनराशि के दुरुपयोग की आशंका जताई है। वर्ष 2019 में साल भर तक सरकारी विभागों को बजट खर्च करने की सुध नहीं रही, लेकिन जब वित्तीय वर्ष खत्म होने को आया तो जनवरी से मार्च के बीच ही पूरी धनराशि खर्च कर दी गई। सीएजी ने इसे बजट नियमों के खिलाफ बताया है।
आईएएनएस के पास मौजूद झारखंड की वर्ष 2020 की तीसरी सीएजी रिपोर्ट में सरकारी विभागों में धनराशि के खर्च पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। यह ऑडिट रिपोर्ट, मार्च 2019 को खत्म हुए वित्तीय वर्ष के दौरान की है। कुल 21 विभागों ने किस तरह से जल्दबाजी में धनराशि खर्च की, सीएजी ने इसकी पूरी जानकारी दी है। मार्च, 2019 तक झारखंड में खर्च हुए धनराशि की सीएजी ने ऑडिट की तो पता चला कि कुल 21 ग्रांट के तहत 6,342.48 करोड़ रुपये का खर्च आखिरी तिमाही (जनवरी से मार्च 2019) के बीच में हुआ। यह कुल खर्च हुई धनराशि 10,151.23 करोड़ रुपये का 62.48 प्रतिशत रहा। खास बात रही कि 3,619.90 करोड़ रुपये सिर्फ एक महीने मार्च में खर्च हुए।
मिसाल के तौर पर झारखंड सरकार के एनर्जी डिपार्टमेंट ने 12 महीने में कुल 2,490.23 करोड़ खर्च किए। लेकिन चौंकाने वाली बात रही कि इसमें से 1327.54 करोड़ रुपये जनवरी से मार्च के बीच सिर्फ तीन महीनों में खर्च हुई। विभाग ने बचे हुए 712.16 करोड़ रुपये आखिरी महीने मार्च में खर्च किए। इसी तरह वेलफेयर डिपार्टमेंट ने कुल 394.59 करोड़ में से 225.63 करोड़ रुपये आखिरी के सिर्फ तीन महीने में खर्च कर डाले।
ड्रिंकिंग वाटर डिपार्टमेंट ने आखिरी तीन महीनों में 228.02 करोड़ रुपए खर्च किए। वाटर रिसोर्सेस डिपार्टमेंट ने पूरे साल में 437.10 करोड़ खर्च किए जिसमें से आखिरी तीन महीनों में 232.45 करोड़ की धनराशि शामिल रही। अर्बन डेवलपमेंट एंड हाउसिंग डिपार्टमेंट ने कुल 1,902.30 करोड़ में से 1,376.20 करोड़ रुपये आखिरी तीन महीनों में खर्च किए। इसी तरह टूरिज्म, आर्ट, कल्चर, एग्रीकल्चर, गृह, जेल, आपदा प्रबंधन विभाग, रेवन्यू आदि विभागों ने भी वित्तीय वर्ष के आखिरी तीन महीनों में जल्दबाजी में धनराशि खर्च की।
सीएजी ने की गंभीर टिप्पणी
सीएजी ने रिपोर्ट में झारखंड में इस तरह से हड़बड़ी में धनराशि खर्च किए जाने पर कठोर टिप्पणी की है। सीएजी ने आपत्ति जताते हुए कहा, वित्तीय वर्ष के आखिरी महीनों में जल्दबाजी में धनराशि खर्च करना बजट मैनुअल के खिलाफ है। इससे जनता के धन के दुरुपयोग का खतरा होता है। बजट नियमावली के नियम 113 के तहत वित्तीय वर्ष समापन के महीनों में जल्दबाजी में धनराशि खर्च करना वित्तीय नियमों का है। पूरे साल में एक समान रूप से धनराशि खर्च होने से ही बजट का सदुपयोग हो सकता है। सीएजी ने झारखंड सरकार को बजट मैनुअल के पालन की नसीहत दी है।
–आईएएनएस
एनएनएम-एसकेपी
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…