रांची, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)| झारखंड सरकार ने शुक्रवार को अधिकारियों को इस साल बारिश की कमी के कारण फसलों को हुए नुकसान के जमीनी हालात का आकलन करने को कहा। आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रदेश के मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने अधिकारियों को फसलों की स्थिति का आकलन कर 31 अक्टूबर तक रपट सौंपने को कहा है।
त्रिपाठी ने कृषि, सामाज कल्याण और आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव स्तर के अधिकारियों के साथ बैठक कर हालात का जायजा लिया।
बैठक में मौजूद एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “इस साल झारखंड में औसतन 72 फीसदी बारिश हुई। लेकिन पाकुड़ और कोडरमा जिलों में 50 फीसदी से भी कम बारिश हुई।”
रांची, खूंटी, गुमला, गढ़वा, लातेहार, दुमका, जामताड़ा और देवघर जैसे जिलों में 50 फीसदी से ज्यादा मगर 75 फीसदी से कम बारिश हुई।
झारखंड में आमतौर पर 18 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई होती है, लेकिन इस साल सिर्फ 15.27 लाख हेक्टेयर में ही धान की बुवाई हो पाई है।
प्रदेश में मानसून सीजन में औसत बारिश 1,027.7 मिलीमीटर होती है, लेकिन इस साल सिर्फ 741.9 मिलीमीटर बारिश हुई। मानसून सीजन के आखिरी दो महीने अगस्त और सितंबर में क्रमश: 276.2 और 235.5 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए, जहां इस साल इन दो महीनों में क्रमश: 213.2 और 133.6 मिलीमीटर बारिश हुई है।
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