श्रीनगर, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)| नवगठित केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख के सरकारी कर्मियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ दिया जाएगा।
यह लाभ 31 अक्टूबर से प्रभावी माना जाएगा। जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को खत्म कर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित कर दिया गया था।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सरकार को विश्वास है कि कश्मीरियों को मुख्यधारा में लाने में यह कदम काफी महत्वपूर्ण साबित होगा।
एक सरकारी नोट के अनुसार, “केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। इस कदम से मौजूदा जम्मू एवं कश्मीर राज्य में काम करने वाले 4.5 लाख कर्मियों को लाभ मिलेगा। ये कर्मी अब 31 अक्टूबर से केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख के कर्मी कहलाएंगे।”
इसका सालाना भार लगभग 4,800 करोड़ रुपये होगा और यह 4.5 लाख कर्मियों बच्चों की शिक्षा का भत्ता, आवास भत्ता, यात्रा भत्ता, एलटीसी, मेडिकल भत्ता और अन्य भत्तों के रूप में मिलेगा।
बच्चों के शिक्षा भत्ते का भार 607 करोड़ रुपये, आवास भत्ते का 1,823 करोड़ रुपये, यात्रा भत्ते का 1,200 करोड़ रुपये, लीव ट्रेवल कंसेशन (एलटीसी) का 108 करोड़ रुपये और मेडिकल भत्ते का सालाना भार 108 करोड़ रुपये होगा। इसके अलावा अन्य भत्तों के लिए 62 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
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