श्रीनगर, 1 मई (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर सरकार एक तरफ अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों को वापस लाने के लिए प्रयास कर रही है, वहीं देश के विभिन्न हिस्सों से हजारों मजदूर जम्मू-कश्मीर में फंसे हुए हैं। सभी लॉकडाउन लागू होने के बाद से कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं और अपने घर वापस लौटना चाहते हैं।
जम्मू के सतवारी में, बिहार और मप्र के 35 गैर-श्रमिकों के एक समूह का कहना है कि उन्हें सरकार से राशन तो मिल रहा है, लेकिन मदद अपर्याप्त है।
एक मजदूर राजकुमार ने कहा, “हम घर लौटने के बारे में कई दिनों से सोच रहे हैं। भूख से मरने से बेहतर है कि हम परिवारों के साथ रहें।”
सरकार कई स्थानों पर जम्मू में फंसे श्रमिकों को राशन प्रदान कर रही है। लेकिन भोजन से ज्यादा, वे अपने घर लौटने की व्यवस्था करना चाहते हैं।
एक अन्य मजदूर उषा ने कहा, “यहां रुकने का कोई मतलब नहीं है, हम अपने परिवारों के साथ वापस जाना चाहते हैं।”
जम्मू-कश्मीर सरकार ने गुरुवार को 1.7 लाख निर्माण श्रमिकों के लिए तीन महीने के लिए 1,000 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता की घोषणा की।
लेकिन दूसरे राज्यों के कई प्रवासी मजदूर पंजीकृत नहीं हैं।
–आईएएनएस
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