पटना, 6 फरवरी (आईएएनएस)| यहां गांधी मैदान में करीब तीन दशक बाद कांग्रेस ने अकेले अपने दम पर रैली आयोजित की, जिसके बाद कांग्रेस के नेता अगले चुनाव को लेकर उत्साहित हैं। वहीं अब राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अब अपने वोटबैंक को सहेजने में जुट गई है।
राजद के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव सात फरवरी से ‘बेरोजगारी हटाओ-आरक्षण बढ़ाओ’ यात्रा शुरू कर रहे हैं। यात्रा की शुरुआत सात फरवरी से दरभंगा से होगी। इस यात्रा में तेजस्वी तीन स्थानों पर सभाओं को संबोधित करेंगे, जिसमें दो का संबंध सीधे कांग्रेस से है।
कांग्रेस की करीब 28 साल बाद पटना में हुई ‘जन आकांक्षा रैली’ में तो महागठबंधन के सभी नेताओं का साथ मिला था और महागठबंधन में शामिल सभी दलों के नेता रैली में शामिल हुए थे, परंतु राजद ने इस यात्रा में ‘एकला चलो’ का निर्णय लिया है। गौर करने वाली बात यह है कि इस यात्रा के प्रथम चरण में तेजस्वी उस क्षेत्र में जा रहे हैं, जिसे कांग्रेस का क्षेत्र माना जाता है।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने ट्वीट कर अपनी यात्रा की जानकारी देते हुए कहा है कि यात्रा की शुरुआत सात फरवरी को दरभंगा से होगी। तेजस्वी आठ फरवरी को सुपौल के पिपराही में और नौ फरवरी को भागलपुर में जनसभा को संबोधित करेंगे।
राजद के प्रवक्ता मृत्यंजय तिवारी ने आईएएनएस से कहा कि यह यात्रा राजद की है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा का मकसद केंद्र सरकार पर बेरोजगाारी हटाओ और आरक्षण बढ़ाओ के लिए दबाव बनाना है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा राजद अपने दम पर कर रहा है।
गौरतलब है कि दरभंगा सांसद कीर्ति झा आजाद का क्षेत्र है। कीर्ति आजाद भाजपा से निलंबित सांसद हैं और उनका रुझान कांग्रेस की ओर है। तेजस्वी की दूसरी सभा सुपौल में होगी। यह सीट पहले से ही कांग्रेस के कब्जे में है। यहां से रंजीत रंजन सांसद हैं।
रंजीत रंजन मधेपुरा के सांसद पप्पू यादव की पत्नी हैं। तेजस्वी पहले ही पप्पू के महागठबंधन में आने का विरोध कर चुके हैं। भागलपुर में राजद की तीसरी सभा होगी। भागलपुर लोकसभा सीट पर फिलहाल राजद का ही कब्जा है।
तेजस्वी की इस यात्रा में कांग्रेस के सीधे संबंध वाले क्षेत्रों में सभा करने को महागठबंधन में सीटों को लेकर तानातनी से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषक सुरेंद्र किशोर कहते हैं, “राजद को कांग्रेस की तरह ताकत दिखाने की जरूरत नहीं है। राजद की इस यात्रा को अपने वोट बैंक को सहेजने से जोड़कर देखा जाना चाहिए।”
पटना के वरिष्ठ पत्रकार किशोर यह भी मानते हैं कि महागठबंधन में सीटों को लेकर तनातनी है, यही कारण है कि राजद अपनी यात्रा की शुरुआत मुस्लिम और यादव बहुल संसदीय क्षेत्र से कर रहा है।
उन्होंने कहा, “राजद इस तैयारी में भी है कि अगर महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर बात नहीं बनती है तो वह कांग्रेस से अलग होकर भी चुनाव मैदान में उतर सके। यही कारण है कि कांग्रेस से सीधे संबंध वाली सीटों से ही इस यात्रा की शुरुआत हो रही है।”
कांग्रेस प्रवक्ता हरखू झा कहते हैं, “सभी दलों की अलग-अलग नीतियां हैं, जिस पर पार्टी के नेता चलते हैं। कांग्रेस ने पटना में एक सफल रैली कर अपनी क्षमता के मुताबिक अपनी ताकत दिखा दी है। राजद भी अपनी यात्रा प्रारंभ करने वाला है। महागठबंधन में 13 फरवरी के बाद ही सीट बंटवारे को लेकर कोई निर्णय होगा।”
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