Kamaladevi Chattopadhyay Death Anniversary: साल 1930 में कमलादेवी चट्टोपाध्याय की उम्र लगभग 27 साल थी। इस दौरान उन्हें ख़बर मिली कि महात्मा गांधी डांडी यात्रा के ज़रिए ‘नमक सत्याग्रह’ की शुरुआत करने वाले हैं। इसके बाद पूरे देश भर में समुद्र किनारे नमक बनाया जाएगा। लेकिन इसके साथ उन्हें ये बात भी पता चली कि इस आंदोलन से महिलाएं दूर रहेंगी।
आंदोलन में महिलाओं की भूमिका महात्मा गांधी ने चरखा चलाने और शराब की दुकानों की घेराबंदी करने के लिए तय की थी। उनकी ये बात कमालदेवी खटक रही थी।
कमलादेवी ने अपनी आत्मकथा ‘इनर रिसेस, आउटर स्पेसेस’ में इस बात की चर्चा की है। उन्होंने लिखा है, “मुझे लगा कि महिलाओं की भागीदारी ‘नमक सत्याग्रह’ में होनी ही चाहिए और मैंने इस संबंध में सीधे महात्मा गांधी से बात करने का फ़ैसला किया।”
कमलादेवी चट्टोपाध्याय को भारत में प्रांतीय विधानसभा के लिए चुनाव लड़ने वाली पहली महिला के रूप में जाना जाता है। उन्हें महात्मा गांधी को नमक सत्याग्रह में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए मनाने का भी श्रेय दिया जाता है।
कमलादेवी ने आयरलैंड की महिलावादी नेता मार्ग्रेट कजन्स के प्रोत्साहन करने करने पर चुनाव लड़ा था। लेकिन वो ये चुनाव बहुत कम मतों से हार गईं थीं। लेकिन उनके इस क़दम से महिलाओं के लिए राजनीति की राह आसान हो गई।
आज़ादी के बाद कमलादेवी ने भारतीय दस्तकारी परंपराएं स्थापित करने में बड़ी भूमिका निभाई थी। इसी क्रम में कमलादेवी सेंट्रल कॉटेज इंडस्ट्रीज़ एंपोरियम और क्राफ़्टस काउंसिल ऑफ इंडिया का गठन किया।
कमलादेवी ने भारतीय नाट्य परंपरा और दूसरे परफ़ॉर्मिंग आर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए इंडियन नेशनल थिएटर की भी स्थापना की। जिसे आज लोग देश के सबसे चर्चित एक्टिंग स्कूल नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा के नाम से जानते हैं उसे पहले इंडियन नेशनल थिएटर के नाम से ही जाना जाता था।
ये कमलादेवी की कोशिशों का ही नतीजा था जो संगीत नाटक अकादमी की स्थापना हो पाई थी। यह संस्थान भारतीय गायन एवं नृत्य परंपराओं को आगे बढ़ाने वाला अग्रणी संस्थान है।
कमलादेवी चट्टोपाध्याय का जन्म 3 अप्रैल, सन् 1903 को कर्नाटक के एक सम्पन्न ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्होंने पहले मंगलोर से शिक्षा हासिल की तथा बाद में लन्दन के अर्थशास्त्र स्कूल से शिक्षा ग्रहण की। उनकी शादी छोटी उम्र में ही हो गई थी। आगे चल कर वो विधवा हो गई थीं। बाद में उन्होंने हरेन्द्रनाथ चट्टोपाध्याय से विवाह किया। कमलादेवी ने अपनी पति के साथ व्यापक रूप से यात्राएं की।
वे एक सामाजिक कार्यकर्ता तथा कला और साहित्य की समर्थक थी। कमलादेवी को भारत के उच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा कमलादेवी को रेमन मैगसेसे पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। 29 अक्टूबर 1988 को उनका निधन हो गया था।
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