जयंती विशेष: सामाजिक बदलाव के नायक कर्पूरी ठाकुर

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कर्पूरी ठाकुर का आज जन्मदिन है। 24 जनवरी, 1924 को समस्तीपुर के पितौंझिया (अब कर्पूरीग्राम) में जन्में कर्पूरी ठाकुर(Karpoori Thakur) बिहार में एक बार उपमुख्यमंत्री, दो बार मुख्यमंत्री और दशकों तक विधायक और विरोधी दल के नेता रहे। 1952 की पहली विधानसभा में चुनाव जीतने के बाद वे बिहार विधानसभा का चुनाव कभी नहीं हारे। वे बिहार के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे। उन्हें जननायक कहा जाता है।

समाजिक बदलावों की शुरुआत

1967 में जब पहली बार नौ राज्यों में गैर कांग्रेसी सरकारों का गठन हुआ तो महामाया प्रसाद के मंत्रिमंडल में वे शिक्षा मंत्री और उपमुख्यमंत्री बने। उपमुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने मैट्रिक में अंग्रेजी की अनिवार्यता को खत्म किया। इसके चलते उनकी आलोचना भी खूब हुई लेकिन हकीकत ये है कि उन्होंने शिक्षा को आम लोगों तक पहुंचाया। इस दौर में अंग्रेजी में फेल मैट्रिक पास लोगों का मजाक ‘कर्पूरी डिविजन से पास हुए हैं’ कह कर उड़ाया जाता रहा।

वो देश के पहले मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने अपने राज्य में मैट्रिक तक मुफ्त पढ़ाई की घोषणा की थी। उन्होंने राज्य में उर्दू को दूसरी राजकीय भाषा का दर्जा दिया। 1971 में मुख्यमंत्री बनने के बाद किसानों को बड़ी राहत देते हुए उन्होंने गैर लाभकारी जमीन पर मालगुजारी टैक्स को बंद कर दिया।

अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के अलावा उन्होंने आज से चार दशक पहले ही सवर्ण गरीबों और हरेक वर्ग की महिलाओं को तीन-तीन फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया था। कर्पूरी ठाकुर के मुख्यमंत्री रहते हुए ही बिहार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना था। उन्होंने नौकरियों में तब कुल 26% कोटा लागू किया था।

दोस्त का फटा कोट पहनकर गए थे ऑस्ट्रिया

जननायक कर्पूरी ठाकुर 1952 में विधायक बन गए थे। एक प्रतिनिधिमंडल में जाने के लिए ऑस्ट्रिया जाना था। उनके पास कोट ही नहीं था। एक दोस्त से मांगना पड़ा। वहां से यूगोस्लाविया भी गए तो मार्शल टीटो ने देखा कि उनका कोट फटा हुआ है और उन्हें एक कोट भेंट किया।

कर्पूरी ठाकुर का निधन 64 साल की उम्र में 17 फरवरी, 1988 को दिल का दौरा पड़ने से हुआ था। प्रभात प्रकाशन ने कर्पूरी ठाकुर पर ‘महान कर्मयोगी जननायक कर्पूरी ठाकुर’ नाम से दो खंडों की पुस्तक प्रकाशित की है। इसमें कर्पूरी ठाकुर पर कई दिलचस्प संस्मरण शामिल हैं।

This post was last modified on January 24, 2020 1:22 PM

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