नई दिल्ली, 13 मई (आईएएनएस)। देश के उद्योगों को राहत देने के लिए उठाए गए कदम के तहत केंद्र ने लघु, सुक्ष्म और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) की परिभाषा की समीक्षा करने का निर्णय लिया है और निवेश की सीमा बढ़ाने की घोषणा की।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां मीडिया को संबोधित करते हुए एमएसएमई की मान्यता के लिए टर्नओरवर के अतिरितक्त मानदंड भी पेश किए।
इसके अलावा सरकार ने एमएसएमई की सेवाओं और विनिर्माण के अंतर को भी दूर किया।
नए बदलावों के अनुसार, एक करोड़ रुपये से कम के व्यापार और 5 करोड़ रुपये के टर्नओवर को सूक्ष्म उद्योग में वर्गीकृत किया जाएगा। मौजूदा नियम के अंतर्गत, विनिर्माण क्षेत्र में 25 लाख रुपये से कम निवेश करने वाली कंपनी और सेवा क्षेत्र में 10 लाख रुपये से कम की कंपनी को सूक्ष्म उद्योग माना जाता था।
लघु उद्योग के लिए निवेश सीमा को 10 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया गया है और कंपनी के पास 50 करोड़ रुपये से कम का टर्नओवर होना चाहिए।
इसके अलावा मध्यम उद्योग के लिए निवेश सीमा को बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये और टर्नओवर सीमा को बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
सीतारमण ने कहा कि इन बदलावों को प्रभावी बनाने के लिए कानून में जरूरी संसोधन किए जाएंगे।
–आईएएनएस
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