बीजिंग, 21 फरवरी (आईएएनएस)। केन्या के अखबार द पीपुल ने 19 फरवरी को लेख जारी कर कोरोना टीके को वैश्विक सार्वजनिक उत्पाद बनाने में व्यवहारिक कार्रवाई से वचन निभाने के लिए चीन की प्रशंसा की।
लेख में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी से वैश्विक संकट पैदा हुआ, सीमा-पार पर्यटन बंद हो गया, विश्व में आर्थिक मंदी आई, बल-राजनीति और शीतयुद्ध की विचारधारा फिर से उभरी, एकतरफावाद और संरक्षणवाद एक बार फिर सक्रिय होने लगे। मानव जाति अभूतपूर्व जोखिम और चुनौतियों का सामना कर रही है। कुछ देशों ने महामारी को राजनीति का मुद्दा बनाया, झूठी खबरें फैलायी, राजनीतिक बल से वैक्सीन को जमा किया और अविकसित देशों व क्षेत्रों की मांग की अनदेखी की। संयुक्त राष्ट्र संघ के आंकड़ों के अनुसार 10 देशों ने दुनिया के 75 प्रतिशत कोरोना वैक्सीन पर नियंत्रण किया।
लेख में कहा गया है कि विभिन्न देशों को एक साथ वैक्सीन के राष्ट्रवाद का विरोध करना चाहिए और वैक्सीन का निष्पक्ष व उचित वितरण बढ़ाना चाहिए।
बताया जाता है कि अब तक चीन ने 53 विकासशील देशों को वैक्सीन दान की और 22 देशों को वैक्सीन का निर्यात किया है। इसके अलावा, विकासशील देशों की आवश्यक मांग पूरी करने के लिए चीन ने कोवैक्स को 1 करोड़ वैक्सीन भी भेजी हैं।
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
— आईएएनएस
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