नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। किसान आंदोलन शुक्रवार को 16वें दिन जारी है और किसान संगठनों के नेता तीनों नये कृषि कानूनों को निरस्त करवाने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। उन्होंने सरकार की ओर से दोबारा बातचीत शुरू करने की पेशकश ठुकरा दी है। किसान नेताओं का कहना है कि सरकार अगर कोई नया सकारात्मक प्रस्ताव लाए तो फिर बातचीत होगी। यहां सकारात्मक प्रस्ताव से उनका मतलब तीनों कानून को वापस लेने से है।
ऑल इंडिया किसान सभा के पंजाब में जनरल सेक्रेटरी मेजर सिंह पुनावाल ने शुक्रवार को आईएएनएस से कहा कि सरकार जब तक तीनों कानूनों को वापस नहीं लेगी तब तक उनका यह आंदोलन जारी रहेगा।
केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों को निरस्त करवाने की मांग को लेकर किसान देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर से डेरा डाले हुए हैं और किसान संगठनों के नेताओं ने आंदोलन और तेज करने की चेतावनी दी है।
मेजर सिंह पुनावाल ने कहा, हमारा अगला कार्यक्रम 12 दिसंबर से पहले जयपुर-दिल्ली एक्सप्रेसवे को जाम करना है और 14 दिसंबर को देशभर में जिला स्तर पर डीसी के दफ्तरों के सामने मोर्चे निकाल कर धरना-प्रदर्शन करना है। बीजेपी के दफ्तरों के आगे भी धरना दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब की तरह देशभर में टोल फ्री किया जाएगा और रिलायंस के पेट्रोल पंप को बंद किया जाएगा।
भारतीय किसान यूनियन के गुरविंदर सिंह ने भी कहा कि जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं होंगे किसानों का यह आंदोलन चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि आगे आंदोलन और तेज करने की तैयारी जोरों पर चल रही है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने किसान नेताओं को नये कृषि कानूनों के साथ-साथ, एमएसपी पर फसलों की खरीद जारी रखने से लेकर पराली से जुड़े अध्यादेश और बिजली संशोधन विधेयक 2020 के आने से बिजली सब्सिडी को लेकर किसानों की आशंकाओं का समाधान करने के लिए बुधवार को प्रस्तावों का एक मसौदा भेजा था, जिसे किसान यूनियनों ने सिरे से खारिज करते हुए आंदोलन आगे और तेज करने का एलान किया।
इसके आद गुरुवार को केंद्रीय कृषि एवं केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेलमंत्री पीयूष गोयल ने एक प्रेसवार्ता के जरिए किसान नेताओं से आंदोलन का रास्ता छोड़ सरकार से बातचीत जारी रखने की अपील की। दोनों केंद्रीय मंत्रियों ने कहा कि नए कृषि कानूनों से संबंधित मसलों का हल वार्ता के माध्यम से ही निकलेगा और किसान यूनियनों को इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं को लेकर बातचीत के लिए सरकार हमेशा तैयार है।
किसान संगठनों के नेता केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन नये कानून, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को निरस्त करवाने की मांग कर रहे हैं। वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सभी फसलों की खरीद की गारंटी भी चाहते हैं। इसके अलावा, उनकी मांगों में पराली दहन से जुड़े अध्यादेश में कठोर दंड और जुर्माने के प्रावधानों को समाप्त करने और बिजली (संशोधन) विधेयक को वापस लेने की मांग भी शामिल है।
–आईएएनएस
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