नई दिल्ली, 27 जनवरी (आईएएनएस)। मोदी सरकार के कृषि सुधार के विरोध में आंदोलन की राह पकड़े किसानों के बेकाबू हुजूम द्वारा गणतंत्र दिवस पर लाल किला में हुड़दंग मचाने व हिंसा की घटना की संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कड़ी निंदा की है और आज (बुधवार) को मोर्चे की बैठक में हिंसा की इस घटना पर मंथन होगा और आगे आंदोलन को शांतिपूर्ण बनाये रखने पर चर्चा होगी।
तीन नये केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सभी फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं किसानों का आंदोलन बुधवार को 63वें दिन जारी है। आंदोलन की अगुवाई करने वाले किसान संगठनों का संघ संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने किसानों से शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन जारी रखने की अपील की है और मंगलवार को हुई हिंसा की घटना की निंदा की है।
पंजाब में क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष और संयुक्त किसान मोर्चा के नेता डॉ. दर्शनपाल ने आईएएनएस से कहा कि किसानों का आंदोलन शांतिपूर्ण है और लालकिला किसानों को ले जाने और ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा करने वालों के साथ मोर्चे का कोई संबंध नहीं है।
डॉ. दर्शनपाल ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में मंगलवार की घटना के बारे में भी चर्चा होगी और किसानों से आगे प्रदर्शन को शांतिपूर्ण बनाए रखने की अपील की जाएगी। तीन कृषि कानूनों के अमल पर डेढ़ साल के लिए रोक लगाने और कमेटी बनाकर किसानों के मसले का हल करने के सरकार के प्रस्ताव पर पुनर्विचार के आग्रह के बाद सरकार के साथ आगे किसी प्रकार की बातचीत करने के सवाल पर डॉ. दर्शनपाल ने कहा कि इस विषय पर भी बुधवार की बैठक में चर्चा हो सकती है। उन्होंने कहा, दीप सिद्धू को हम असामाजिक तत्व ही कहेंगे और उनके साथ जाने वाला संगठन किसान मजदूर संघर्ष समिति हमारे संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल नहीं है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू पर किसानों को बहकाकर लाल किला ले जाने और वहां हुड़दंग मचाने का आरोप लगाया है।
संयुक्त किसान मोर्चा की दोपहर दो बजे होने वाली बैठक से पहले पंजाब के 32 किसान संगठनों के नेता आपस में इस पूरी घटनाक्रम पर विचार विमर्श करने जा रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा का घटक भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह लाखोवाल ने इस बैठक से पहले आईएएनएस से कहा कि किसान गणतंत्र दिवस परेड में पंजाब के 32 किसान संगठनों ने पहले से तय रूटों का पालन किया। उन्होंने कहा कि पुलिस के साथ झड़प में हुई हिंसा या लाल किला पर झंडा फहराने की घटना दुखद है और वह इसकी तीखी आलोचना करते हैं। हरिंदर सिंह ने कहा कि इस घटना से किसानों के इस आंदोलन को काफी नुकसान पहुंचा है और वह आंदोलन में शामिल किसानों से अपने मकसद से नहीं भटकने और प्रदर्शन को शांतिपूर्ण बनाए रखने का आग्रह करते हैं।
भारतीय किसान यूनियन (एकता-उग्राहां) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने कहा कि लाल किला जाने का संयुक्त किसान मोर्चा का कोई कार्यक्रम नहीं था, इसलिए निर्धारित रूट को तोड़कर लाल किला जाने से पुलिस के साथ हुए समझौते का पालन नहीं हो पाया। जोगिंदर सिंह भी संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल हैं। उन्होंने कहा, हिंसा किसी भी किस्म की हो वह उसकी निंदा करते हैं।
लालकिला पर हुड़दंग मचाने और झंडा फहराने को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि यह बहुत गलत हुआ है। जोगिंदर सिंह ने भी बताया कि मोर्चे की बैठक में आज आंदोलन की अब तक की रूपरेखा और कल की घटना के साथ-साथ आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
पूरा देश मंगलवार को जब 72वें गणतंत्र दिवस के जश्न मना रहा था तब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सीमाओं से निकला किसान गणतंत्र परेड बेकाबू हो गया और ट्रैक्टरों पर सवार लोग लाल किला पहुंच गए और वहां हुड़दंग मचाने लगे। हुड़दंगियों ने आईटीओ पर भी हंगामा मचाया जहां पुलिस को उन पर लाठीचार्ज भी करना पड़ा।
–आईएएनएस
पीएमजे-एसकेपी
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