नई दिल्ली, 8 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को पूरी तरह निरस्त करने की मांग पर अड़े किसान संगठनों के कानूनी प्रकोष्ठ ने दिल्ली से सटे बॉर्डर पर धरनास्थल पर इंटरनेट सेवा बंद किए जाने और किसानों की अवैध गिरफ्तारी को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (यूएनएचआरसी) को पत्र लिखा है।
सार्वजनिक सुरक्षा बरकरार रखने और किसी अप्रिय घटना को टालने के लिए सिंघु, गाजीपुर और टीकरी बॉर्डर स्थित धरनास्थल पर इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। इसके अलावा, 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान पुलिस और किसानों के बीच हिंसक झड़प के सिलसिले में 127 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
किसान संगठनों के कानूनी प्रकोष्ठ ने अब संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग के इंडिया हेड को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कई मांगें रखी हैं। इनमें पूछताछ करने वाले अधिकारियों की शिनाख्त, गिरफ्तारियों के मेमो, गिरफ्तार लोगों के परिजनों को सूचना देना, डायरी एंट्री और मेडिकल चेक-अप शामिल हैं।
वकीलों का कहना है कि सरकार मनमाने ढंग से काम करके मानवाधिकारों का हनन कर रही है। प्रकोष्ठ ने दावा किया कि जब से किसानों का विरोध शुरू हुआ है, तब से पुलिस उन्हें बिना किसी कारणवश अनुचित तरीके से गिरफ्तार कर रही है।
इस बाबत वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का हवाला दिया है, जिसमें इसने किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने, हिरासत में लेने या पूछताछ के दौरान पुलिस के लिए कुछ दिशानिर्देश जारी किए थे।
–आईएएनएस
एसआरएस/एसजीके
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