भोपाल, 22 नवंबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश की सियासत को इन दिनों कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ के कथित वीडियो ने गर्मा दिया है। ये वीडियो उस कक्ष के हैं, जहां आम आदमी आसानी से और प्रदेशाध्यक्ष के सिपहसालारों की अनुमति के बगैर नहीं पहुंच सकता हैं। सवाल है कि आखिर कमलनाथ का विभीषण कौन है, जो वीडियो बना-बनाकर सार्वजनिक करने में लगा है।
राज्य के मालवा-निमांड अंचल को छोड़ दिया जाए तो अन्य किसी भी हिस्से में ध्रुवीकरण की सियासत नहीं रही है। मगर कांग्रेस जो अपने को धर्मनिरपेक्ष बताते नहीं थकती और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी मंदिर-मंदिर घूमकर अपने को हिंदू बता रहे हैं, उस पर कांग्रेस के कमलनाथ के कथित वीडियो ने पानी फेरने का काम शुरू कर दिया है।
इस वीडियो में कमलनाथ मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर रहे हैं। इसमें कमलनाथ अपने को आरएसएस का बेहतर जानकार बता रहे हैं, साथ ही कह रहे हैं कि मतदान तक सब कुछ सहें। वही अन्य एक अन्य वीडियो आया है, जिसमें कमलनाथ कह रहे हैं कि मुस्लिम बहुल मतदान केंद्रों पर 90 प्रतिशत मतदान होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो कांग्रेस का नुकसान होगा।
यह कथित वीडियो उस कमरे के हैं, जहां कमलनाथ बैठते हैं। इस कमरे तक पहुंचने के लिए तीन मंजिल की सीढ़ियां तो पार करनी ही होती हैं, साथ में कई नेताओं के सामने से गुजरना होता है। इतना ही नहीं अंदर तभी जा सकते हैं जब या तो कमलनाथ की अनुमति हो या उनके सिपहसालार आप पर मेहरबान हो जाएं।
कमलनाथ भी मानते हैं कि उनसे सीधे मुलाकात न होने की कुछ वजहें हैं। उनकी ओर से इसके लिए एक व्यवस्था बनाई गई है, और उसी के तहत पार्टी के लोग उनसे मुलाकात करते हैं।
अब सवाल यह उठ रहा है कि कमलनाथ से मुलाकात की जब चौकस व्यवस्था है तो वह कौन लोग है, जिन्होंने यह कथित वीडियो सार्वजनिक कर दिया हैं। यह तो तय है कि इसमें वही लोग शामिल होंगे, जो कमलनाथ से मुलाकात कराना तय करते हैं। पार्टी इस संकट से कैसे उबरेगी, यह सवाल पार्टी के हर नेता के दिमाग में उठ रहा है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कमलनाथ के वीडियो पर हमले तेज कर दिए हैं। भाजपा प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने इस वीडियो को कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति का नमूना बताया है। वहीं उपाध्यक्ष प्रभात झा ने चुनाव आयोग से शिकायत कर कमलनाथ पर राज्य की फिजा बिगाड़ने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस की मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने इस वीडियो को झुठलाया नहीं है। उन्होंने कहा, “प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश की महिलाओं से मुलाकात करते वक्त यह बात कही थी कि ²ढ़ता से आपको 90 और 100 प्रतिशत वोटिग करना चाहिए, ताकि महिला अधिकारों का मार्ग प्रशस्त किया जा सके, अन्यथा हम सबको इससे नुकसान होगा।”
उन्होंने कहा, “इसी प्रकार किसानों का समूह जब कमलनाथ से भेंट करने आया था, तब भी उन्होंने कहा था कि फसलों के दाम मांगने पर जो सरकार किसानों को मौत के घाट उतार दे, उसे एक क्षण भी रहने का अधिकार नहीं है। आप अधिक से अधिक संख्या में अपना वोट करें, ताकि किसानों का अधिकार सुरक्षित किया जा सके।”
इसी प्रकार विभिन्न समाज के लोगों से भेंट करके कमलनाथ ने चुनाव आयोग के निर्देशों का हवाला देते हुए यह गुहार लगाई कि अधिक से अधिक 90-100 प्रतिशत मतदान करना चाहिए।
कमलनाथ के एक के बाद एक जारी हुए दो वीडियो ने या कहें कि एक वीडियो के दो हिस्सों ने राज्य की सियासत को गर्मा दिया है और उसे ध्रुवीकरण की ओर मोड़ने का काम किया है। अब और वीडियो के आने की संभावना बन गई है। यदि कमलनाथ से जुड़े और वीडियो सामने आते हैं तो कांग्रेस को यह खोजना ही होगा कि कमलनाथ के भीतरी कमरे का विभीषण आखिर कौन है।
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