नई दिल्ली, 9 फरवरी (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में गहराते सियासी संकट के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक्शन मोड में आ गई है। पार्टी ने मंगलवार को भोपाल में विधायक दल की बैठक बुलाई है। भोपाल में शाम सात बजे से होने वाली इस बैठक में भाजपा मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा करने के साथ कमलनाथ सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की रणनीति बना सकती है।
दिल्ली में पिछले पांच दिनों से डेरा जमाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस बैठक में शामिल होने के लिए मंगलवार की सुबह की फ्लाइट पकड़कर आठ बजे तक भोपाल पहुंच जाएंगे।
दरअसल, मध्य प्रदेश विधानसभा का 16 मार्च से सत्र शुरू होने वाला है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बजट सेशन में भाजपा कमलनाथ सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। यही वजह है कि कमलनाथ सरकार पर छाए संकट के बादलों के बीच पार्टी ने मंगलवार को विधायक दल की बैठक बुलाई है। इसमें कमलनाथ सरकार के गिरने के संभावित कारणों पर चर्चा कर पार्टी रणनीति बनाएगी।
इस महीने में यह दूसरा मौका है जब कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल मंडराए हैं। बीते दिनों नाराज होकर गुरुग्राम पहुंचे दिग्विजय सिंह खेमे के कुछ विधायकों को किसी तरह कमलनाथ मनाने में सफल रहे थे कि अब सिंधिया खेमे के कई लापता विधायकों ने टेंशन दे दी। फोन बंद कर कई विधायक बेंगलुरु पहुंच गए। ताजातरीन जानकारी के मुताबिक ऐसे विधायकों की संख्या 17 हो चुकी है। पहले 10 विधायकों के बेंगुलुरु पहुंचने की खबर थी। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी में उपेक्षा के कारण सिंधिया खेमे के विधायक कमलनाथ सरकार से नाराज हैं।
पांच दिन से दिल्ली में रणनीति बनाते रहे शिवराज
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पिछले पांच दिन से दिल्ली में डेरा डाले रहे। व्यस्तता इतनी रही कि पांच मार्च को अपना जन्मदिन मनाने के लिए भी दिल्ली से भोपाल आवास नहीं पहुंच सके। इस दौरान अपने आवास पर आयोजित ब्लड डोनेशन कैंप के दौरान भी वे नजर नहीं आए। अब विधायक दल की बैठक मंगलवार की शाम फिक्स होने पर वह सुबह की फ्लाइट पकड़कर आठ बजे तक भोपाल पहुंच जाएंगे। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में पांच दिन रहकर शिवराज सिंह चौहान ने पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ मिलकर मध्य प्रदेश में सरकार बनाने के संभावित कारणों पर न केवल विचार किया बल्कि अपना प्लान भी साझा किया।
मध्य प्रदेश में क्या है दलगत स्थिति?
मध्य प्रदेश में कुल 230 सीटों में इस वक्त कुल 228 विधायक हैं। कांग्रेस के पास 114 विधायक तो भाजपा के पास 107 हैं। इसके अलावा चार निर्दलीय, एक समाजवादी पार्टी और दो बहुजन समाज पार्टी के विधायक हैं। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को निर्दलीयों और सपा-बसपा के विधायकों का समर्थन मिला हुआ है। ऐसे में अगर अविश्वास प्रस्ताव आया और कांग्रेस समय रहते डैमेज कंट्रोल नहीं कर पाई तो फिर बागी विधायक सरकार गिरा सकते हैं।
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