International Men’s Health Week 2019: पुरुषों में इन 5 गंभीर बिमारियों का खतरा सबसे ज्यादा, जानिए इनके लक्षण और कारण

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दुनिया भर में यह सप्ताह ‘अंतर्राष्ट्रीय पुरुष स्वास्थ्य सप्ताह (International Men’s Health Week) के रूप में मनाया जा रहा है। इस वर्ष 10 जून से 16 जून तक चलने वाले इस सप्ताह में, पुरुषों के स्वास्थ्य और उनकी भलाई से जुड़ी एक्टिविटीज होंगी, ताकि दुनिया भर में इसके प्रति जागरूकता फैलाई जा सके।

दुनिया में सभी स्वस्थ जीवन चाहते हैं, लेकिन अपने आलसी रहन- सहन और खान- पान की गलत आदतों के कारण हम अपने स्वास्थ्य से समझौता कर लेते हैं। इस साल इंटरनेशनल मेंस हेल्थ वीक 2019 का थीम ‘पुरुषों के स्वास्थ्य मामले’ (Men’s Health Matters) है और इसका स्लोगन ‘मेक द टाइम, टेक द टाइम’ (Make the Time. Take the Time) है।

पुरुषों के स्वास्थ्य से यहां अभिप्राय उनके द्वारा अनुभव किए गए पूर्ण शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण से है। इस वीक को नीला रिबन (Blue Ribbon) पहनकर मनाया जाता है, क्योंकि यह प्रोस्टेट कैंसर के खिलाफ लड़ाई का प्रतीक है। लेकिन इसके अलावा भी पुरुषों में अन्य स्वास्थ्य के मुद्दे हैं जिन पर ध्यान दिया जाना बहुत जरूरी है। इस इंटरनेशनल मेंस हेल्थ वीक, आइये जानते हैं पुरुषों में सबसे ज्यादा होने वाली पांच बिमारियों के बारे में।

पुरुषों में होने वाली 5 खतरनाक बीमारियां

प्रोस्‍टेट कैंसर (Prostate cancer)

प्रोस्‍टेट कैंसर पुरुषों में पायी जाने वाली एक गंभीर समस्या है, जिसमें ग्रंथियां बढ़ने लगती हैं तो यह कैंसर का रूप लेने लगती हैं। दरअसल, पुरुषों में प्रोस्‍टेट प्रजनन प्रणाली की एक ग्र‍ंथि है, जो अखरोट के आकार की होती है। यह मूत्राशय के नीचे स्थित होती है। इसमें छोटी एक अन्‍य ग्रंथि भी होती हैं, जो वीर्य संबंधी तरल प्रदार्थ उत्‍पन्‍न करती हैं। धीरे- धीरे होने वाला यह कैंसर घातक रूप ले लेता है। इसलिए जरूरी है की समय- समय पर स्वास्थ्य की जांच कराई जाए।

लक्षण: इस बीमारी के रोगी में बार-बार पेशाब आना, कमजोर और बाधित मूत्र प्रवाह, मूत्र में खून आना और वीर्य संबंधी तरल निकलना जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।

पार्किंसंस रोग (Parkinson’s Disease)

पार्किंसंस एक न्‍यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है। डॉक्टर्स के अनुसार, पुरुषों में एस्ट्रोजन हार्मोन का निम्न स्तर डोपामाइन (मस्तिष्क रसायन) की कमी की ओर जाता है। मुख्यतः शरीर में इस केमिकल की कमी से ही पार्किंसंस रोग होता है। जर्नल ऑफ न्‍यूरोलॉजी (Journal of Neurology) में प्रकाशित एक अध्‍ययन के मुताबिक, महिलाओं की तुलना में पुरुषों में यह बीमारी ज्यादा होती है।

लक्षण: हाथों में कंपन, बोलने में समस्‍या, बिगड़ा हुआ पॉश्‍चर आदि।

हृदय रोग (Heart disease)

पुरुषों में पायी जाने वाली एक अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्या हृदय रोग है। शराब की लत के कारण भी पुरुषों में हृदय रोग ज्यादा होते हैं, क्योंकि ज्यादा शराब ब्लड प्रेशर बढ़ाती है और दिल की मांसपेशियों को भी नुकसान पहुंचाती है। दिल की इस बीमारी को कॉडियोमयोपैथी (Cardiomyopathy) कहा जाता है। इस बीमारी में हृदय की मांसपेशियां बढ़ने के साथ मोटी और कठोर हो जाती है, जो हृदय में ब्‍लड पम्‍प करने में दिक्कत खड़ी करती हैं। और आगे चलकर हृदय घात (Heart Attack) का कारण बन सकती हैं।

हृदय रोगों का मुख्य कारण मोटापा होता है और नेशनल हेल्‍थ इस्‍टीट्यूट ऑफ डाइबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजीज (National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Disease) के एक सर्वे में बताया गया है कि महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्‍यादा मोटे होते हैं। मोटोपे की स्थिति में शरीर में कोलेस्‍ट्रॉल बहुत ज्यादा हो जाता है, जिस कारण शरीर में रक्‍त का थक्‍का जमने की संभावना बढ़ जाती है और हृदय रोग हो जाते हैं।

लक्षण: सीने में बेचैनी, मतली, चक्कर आना, थकान आदि।

क्रोनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मनरी डिजीज (Chronic Obstructive Pulmonary Disease)

यह बीमारी फेफड़ों से संबंधित होती है, जिसमें फेफड़ों से हवा का प्रवाह बाधित हो जाता है। सीओपीडी का मुख्य कारण सिगरेट के धुएं से निकले कण के संपर्क में आना है। पुरुष धूम्रपान करते हैं, इसलिए उनमें यह बीमारी ज्यादा पायी जाती है इसे समय से न ठीक की जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है।

लक्षण: सांस की तकलीफ, घरघराहट, सीने में जकड़न, आपके फेफड़ों में अतिरिक्त बलगम, एक पुरानी खांसी, अनपेक्षित वजन घटाने आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं।

सिरोसिस (Cirrhosis)

अधिक शराब पीने के कारण ही महिलाओं की तुलना में पुरुषों को सिरोसिस की समस्या ज्यादा होती है। शराब पीने से पुरुषों में लीवर की बीमारी हो जाती है और सिरोसिस लीवर की बीमारी की ही लास्ट स्टेज है। लिवर का मुख्य काम खून में से विषाक्त पदार्थों को फ़िल्टर करना, प्रोटीन को तोड़ना और वसा के अवशोषण में मदद करने के लिए पित्त बनाना है। सिरोसिस की समस्या लिवर के इन कामों में रुकावटें पैदा करती है।

लक्षण: सिरोसिस के लक्षणों में थकान, नील पड़ना, भूख में कमी, मतली, पैरों में सूजन, अस्पष्टीकृत वजन घटना, खुजली वाली त्वचा, आदि लक्षण शामिल हैं।

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