प्रेरणा का स्रोत है स्वामी विवेकानंद का जीवन, ये हैं उनके कुछ अनमोल विचार

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भारत के महान आध्यात्मिक गुरु और समाज सुधारक स्वामी विवेकानंद की आज पुण्यतिथि है। अपने जीवन काल में उन्होंने ब्राह्मणवाद, धार्मिक कर्मकाण्ड जैसी सामाजिक विसंगतियों को दूर करने के प्रयास किये। उनका जीवन हर किसी के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है।

स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ था। उनका असली नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था। उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस ने उन्हें ‘स्वामी विवेकानंद’ नाम दिया। स्वामी विवेकानंद ने वर्ष 1893 में शिकागो में आयोजित ‘विश्व धर्म महासभा’ ( Parliament of the World’s Religion) में भारत की ओर से सनातन धर्म (Hinduism) का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने ही पश्चिमी देशों को वेदांत और योग के बारे में बताया। उन्होंने 19वीं शताब्दी में हिंदू धर्म का प्रचार किया और इसे एक मुख्य धर्म के रूप में पहचान दिलाई। एक समाज सुधारक के तौर पर स्वामी विवेकानंद ने ‘रामकृष्ण मिशन’ की स्थापना की, जो आज भी अपना काम कर रहा है। उन्होंने 4 जुलाई 1902 को दुनिया को अलविदा कह दिया था।

स्वामी विवेकानंद का जीवन प्रेरणा का स्रोत रहा धर्म और समाज के लिए उनके कार्य आज भी प्रेरित करते हैं। उन्होंने कई ऐसे सुविचार दिए, जिन्हें सुन कर कोई भी बेहतर जीवन की ओर बढ़ सकता है। आइये आज आपको उनके कुछ अनमोल विचारों के बारे में बताते हैं।

स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार

  • खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप हैं।
  • उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाये।
  • जब तक जीना, तब तक सीखना, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है।
  • जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी।
  • ध्यान और ज्ञान का प्रतीक हैं भगवान शिव, सीखें आगे बढ़ने के सबक।
  • एक समय में एक काम करो , और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।
  • ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हमही हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार हैं।
  • सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा।
  • बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप हैं।
  • ज्ञान स्वयं में वर्तमान है, मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है
  • लोग तुम्हारी स्तुति करें या निन्दा, लक्ष्य तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या न हो, तुम्हारा देहांत आज हो या युग में, तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट न हो।
  • दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो।
  • किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये – आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं।

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This post was last modified on July 4, 2019 10:08 AM

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