नई दिल्ली, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि चार कोरोनावायरस रोगियों पर इस्तेमाल की गई प्लाज्मा थेरेपी के सकारात्मक परिणाम दिख रहे हैं।
केजरीवाल ने कोरोनावायरस के प्लाज्मा थेरेपी से इलाज की शुरूआती सफलता के नतीजों पर चर्चा करते हुए कहा कि दिल्ली के डॉक्टरों की लगन और कड़ी मेहनत के कारण ही इस तकनीक के अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं।
केजरीवाल ने मीडिया को बताया, “दो मरीजों को मंगलवार को प्लाज्मा दिया गया था, जबकि दो को गुरुवार को थेरेपी दी गई थी। जिन दो रोगियों को मंगलवार को प्लाज्मा दिया गया था, उनकी हालत में सुधार हुआ है।”
केजरीवाल ने कहा, “अगले हफ्ते हम दिल्ली में सभी गंभीर कोरोना रोगियों के उपचार के लिए केंद्र सरकार की अनुमति लेंगे।”
केजरीवाल ने कहा कि ये अभी शुरुआती परिणाम हैं।
पिछले मंगलवार को दिल्ली सरकार को गंभीर रोगियों पर प्लाज्मा थेरेपी आजमाने के लिए केंद्र से मंजूरी मिली थी।
केजरीवाल ने कहा कि कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में उनकी सरकार दो स्तरों पर लड़ रही है। संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए और संक्रमण वाले लोगों के इलाज के लिए।
प्लाज्मा थेरेपी में एक ठीक हुए मरीज के एंटीबॉडी को लेकर प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए एक बीमार व्यक्ति (वायरस से संक्रमित) में स्थानांतरित किया जाता है।
यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान (आइएलबीएस) के निदेशक डॉ. एस. के. सरीन ने भी प्लाज्मा थेरेपी को लेकर उत्साह जताया है। उन्होंने इस मौके पर मीडिया को बताया कि उन्हें उम्मीद है कि अधिक लोगों को यह थेरेपी दी जा सकती है।
सरीन ने कहा, “इसी सप्ताह चार में से दो मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है।”
उन्होंने कहा कि जो लोग बीमारी से उबर चुके हैं, उन्हें दूसरों के इलाज के लिए प्लाज्मा दान करने के लिए आगे आना चाहिए।
डॉ. सरीन ने कहा, “केवल प्लाज्मा लिया जाता है, रक्त नहीं। रक्तदाता 10-12 दिनों के अंतराल के बाद प्लाज्मा दान कर सकता है, जबकि रक्तदाता तीन महीने में केवल एक बार ही रक्तदान कर सकता है।”
उन्होंने कहा, “फिलहाल 25 व्यक्तियों को प्लाज्मा दान की आवश्यकता है। दूसरी महंगी दवाओं की अपेक्षा यह सस्ती प्रक्रिया है।”
लोगों से प्लाज्मा दान के लिए आगे बढ़ने का आग्रह करते हुए, केजरीवाल ने कहा, “हम रक्त नहीं बल्कि केवल प्लाज्मा लेंगे। प्लाज्मा को अलग करने और उपयोग करने के बाद आपका रक्त शरीर में वापस चला जाएगा।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “हम इसे बहुत गंभीर रोगियों को दे रहे हैं। हम इससे जीवन बचा रहे हैं। आप गंभीर रोगियों की मदद करेंगे। हम दान देने के इच्छुक लोगों के लिए सभी व्यवस्था कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “यह शुरूआती नतीजे हैं, ऐसा नहीं सोचना चाहिए कि हमें कोरोना का इलाज मिल गया, लेकिन इससे उम्मीद की किरण नजर आ रही है। यह खबर उत्साहवर्धक है। जितने लोग ठीक हो कर घर गए हैं उनके घर फोन आएगा। आने-जाने के लिए हम आपके घर पर गाड़ी भेज देंगे। जो लोग ठीक हो कर घर आ गए हैं उनसे हाथ जोड़कर निवेदन कि आप लोग बहुत से लोगों की जान बचा सकते हैं।”
दिल्ली में 2,400 कोरोनावायरस के मामले सामने आ चुके हैं और अब तक संक्रमण की वजह से 50 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
–आईएएनएस
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