पणजी, 27 नवंबर (आईएएनएस)। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने शुक्रवार को कर्नाटक के साथ चल रहे म्हादेई अंतर्राज्यीय नदी जल विवाद पर एक आउट-ऑफ-कोर्ट सेटलमेंट की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया।
सावंत ने यह भी कहा कि उनकी सरकार म्हादेई नदी के प्रवाह को रोकने के लिए कर्नाटक के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर ²ढ़ है।
सावंत ने पत्रकारों से कहा, कोर्ट-कचहरी के बाहर निपटारे का कोई सवाल ही नहीं है। हमने पहले ही अवमानना याचिका दायर कर दी है। हम इस पर अडिग हैं।
सावंत की यह टिप्पणी कर्नाटक सरकार के विशेष प्रतिनिधि शंकरगौड़ा पाटिल के टिप्पणी के बाद आई है, जिन्होंने कहा था कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों यानी बीएस येदियुरप्पा और सावंत को नदी के विवाद को सुलझाने और इसका हल निकालने के लिए कोर्ट की बजाय खुद बातचीत करनी चाहिए।
गोवा में म्हादेई नदी को मांडोवी नदी और कर्नाटक में महादयी के रूप में भी जाना जाता है। यह नदी गोवा के उत्तरी भागों में जीवन रेखा मानी जाती है।
यह कर्नाटक से निकलती है और गोवा में पणजी में अरब सागर में मिलती है, जबकि महाराष्ट्र से होकर बहती है।
कर्नाटक में नदी 28.8 किलोमीटर तक बहती है, वहीं यह गोवा में 50 किलोमीटर से अधिक दूरी तक बहती है। गोवा, कर्नाटक के बीच म्हादेई जल के बंटवारे को लेकर दो दशक से विवाद चल रहा है।
पिछले महीने गोवा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी और कर्नाटक पर आरोप लगाया कि राज्य नवनिर्मित कलसा-बंडूरी नहर के माध्यम से म्हादेई नदी बेसिन से अवैध रूप से पानी निकाल रहा है।
–आईएएनएस
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