कोविड-19 ने फिल्म उद्योग को पंगु बनाया

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मुंबई, 17 मार्च (आईएएनएस)| कोविड-19 के कारण सिनेमाघरों का बंद होना मनोरंजन उद्योग के लिए एक अप्रत्याशित बड़ा झटका है और खासकर फिल्म उद्योग के लिए बड़ी समस्या है।

  पहले भी सिनेमाघर बंद किए जाते रहे हैं, लेकिन वे आमतौर पर स्वैच्छिक और योजनाबद्ध तौर पर बंद हुए थे। इनके पीछे सरकार द्वारा उच्च स्तरीय पक्षपात या अनुचित करों का विरोध जैसे कारण रहे हैं।

इस बंद के कारण सभी क्षेत्र प्रदर्शनी व्यापार, स्टूडियो, टेलीविजन और ओटीटी प्लेटफॉर्म भी समस्या का सामना करेंगे। फिल्म उद्योग से जुड़े संगठनों ने 19 मार्च से शूटिंग की सभी गतिविधियों को स्थगित करने का निर्णय लिया है, लिहाजा कोई नई सामग्री दर्शकों के सामने नहीं आएगी।

फिल्म उद्योग के लिए यह भारी नुकसान की स्थिति है। सिनेमाघरों को कर्मचारियों और वेतन-संबंधित विभिन्न लागतों की तरह निश्चित लागतों को वहन करना भी जारी रखना होगा। यहां तक कि जब उनके सभी राजस्व देने वाले स्रोत सूख जाएंगे, कोई बॉक्स ऑफिस कलेक्शन नहीं होगा और इसलिए कैंटीन और पार्किं ग से भी पैसा नहीं आएगा।

हालांकि मनोरंजन से संबंधित सभी गतिविधियों को बंद करने के लिए 31 मार्च तक का समय दिया गया है, लेकिन इस बात की कोई निश्चितता नहीं है कि इसके बाद काम फिर से शुरू हो सकता है। जिस तरह से चीजें सामने हैं, उससे बंद की तारीखों के लंबे समय के लिए आगे बढ़ने की संभावनाएं हैं।

सभी प्रोडक्शन ऑफिस और स्टूडियो बंद हो गए हैं। यशराज फिल्म्स, धर्मा प्रोडक्शंस, नाडियाडवाला, वायाकॉम जैसे प्रमुख प्रोडक्शन हाउस ने भी अपने कार्यालय बंद कर दिए हैं। फिल्म व्यवसाय के सभी कॉरपोरेट घरानों ने अपने सभी कार्यालयों को बंद करने की घोषणा कर दी है।

दिल्ली के एक प्रमुख सिनेमा चेन चलाने वाले बृजेश टंडन के अनुसार, उनके द्वारा नियंत्रित किए जाने वाले सभी सिनेमाघरों को बंद नहीं किया गया है। वे धीरे-धीरे इन्हें बंद कर रहे हैं, क्योंकि सिनेमाघरों में आने वाले दर्शकों की संख्या सीमित है। इसके अलावा, वे हफ्ते भर बाद भी उसी फिल्म की स्क्रीनिंग कब तक कर सकते हैं, क्योंकि कोई भी नई फिल्म रिलीज नहीं होनी है।

इस स्तर पर, उद्योग को होने वाले नुकसान का अंदाजा लगाना भी संभव नहीं है।

बॉक्स ऑफिस पर होने वाले राजस्व के नुकसान को लेकर ट्रेड मैगजीन के संपादक अतुल मोहन का अनुमान है कि पूरे सिनेमा के लिए यह नुकसान प्रति सप्ताह 100-125 करोड़ रुपये से अधिक होगा।

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