कोविड के लिए आईसीयू बिस्तर आरक्षित करने की दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई स्थगित

Follow न्यूज्ड On  

नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार की ओर से निजी अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों के लिए आईसीयू बिस्तर आरक्षित करने के संबंध में दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई को 27 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया है।

इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट की एकल न्यायाधीश पीठ ने दिल्ली सरकार के उस फैसले पर रोक लगा दी थी, जिसमें अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में निजी अस्पतालों को कोविड-19 रोगियों के लिए 80 प्रतिशत आईसीयू बिस्तर आरक्षित रखने का आदेश दिया था। इसके बाद केजरीवाल सरकार ने इस फैसले को चुनौती दी और इस पर हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने सुनवाई शुरू की।

मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की खंडपीठ ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 27 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया है।

सुनवाई की पिछली तारीख पर, अदालत ने दिल्ली सरकार की ओर से दायर याचिका पर नोटिस जारी करते हुए, इस चरण में एकल न्यायाधीश द्वारा लगाए गए स्टे को खत्म करने से इनकार कर दिया था।

अब डिवीजन बेंच के समक्ष इस मामले की सुनवाई चल रही है। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) संजय जैन ने प्रस्तुत किया कि सरकार ने आईसीयू बिस्तर आरक्षित करने के लिए केवल दो प्रतिशत निजी अस्पतालों को ही निर्देश दिया है। जैन ने दलील देते हुए कहा, “हम सबसे खराब महामारियों में से एक से गुजर रहे हैं।”

जैन ने कहा, “कोविड-19 एक चतुर वायरस है। इसके साथ प्रतिदिन शतरंज जैसा खेल है और यह खेल जारी है। हमें गतिशील फैसले लेने हैं।”

जैन ने कहा, “कोविड के मरीज तीन प्रकार के होते हैं – हल्के, मध्यम और गंभीर। मध्यम मरीज को गंभीर होने में थोड़ा समय लगता है और इसी कारण से हमें अधिक आईसीयू बेड की आवश्यकता होती है।”

जैन ने दिल और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों से ग्रसित कोविड रोगियों के लिए आईसीयू बिस्तरों की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे रोगियों की देखभाल के लिए आईसीयू बिस्तरों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है।

न्यायमूर्ति जालान ने जैन के माध्यम से दिल्ली सरकार की ओर से पेश की गई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा, “लेकिन आपके स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, आईसीयू बेड पहले से ही खाली हैं और एकल पीठ ने भी वही नोट किया है।”

जैन ने यह भी कहा कि मुख्य याचिका, जिस पर उक्त आदेश पारित किया गया था, केवल आशंका के आधार पर दायर की गई थी।

22 सितंबर को हाईकोर्ट की एकल न्यायाधीश पीठ ने कोविड-19 रोगियों के लिए 80 प्रतिशत आईसीयू बिस्तर आरक्षित करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में निजी अस्पतालों को निर्देश देने के दिल्ली सरकार के आदेश पर रोक लगा दी थी।

यह आदेश एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (इंडिया) द्वारा वकील सनम खेतपाल और नरीता यादव के माध्यम से दायर याचिका पर पारित किया गया था।

–आईएएनएस

एकेके/एएनएम

Share

Recent Posts

जीआईटीएम गुरुग्राम ने उत्तर भारत में शीर्ष प्लेसमेंट अवार्ड अपने नाम किया

नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…

March 19, 2024

बिहार के नींव डालने वाले महापुरुषों के विचारों पर चल कर पुनर्स्थापित होगा मगध साम्राज्य।

इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…

March 12, 2024

BPSC : शिक्षक भर्ती का आवेदन अब 19 तक, बिहार लोक सेवा आयोग ने 22 तक का दिया विकल्प

अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।

July 17, 2023

जियो ने दिल्ली के बाद नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में ट्रू5जी सर्विस शुरु की

पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना

November 18, 2022

KBC 14: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान कौन थे, जिन्होंने इंग्लैंड में भारत को अंतिम बार एक टेस्ट सीरीज जिताया था?

राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…

September 23, 2022