नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के संस्थापक ललित मोदी के बेटे और हाल तक अलवर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष रहे रुचिर मोदी का कहना है कि वह बहुत साल बाद फिर से क्रिकेट प्रशासन में ‘100 फीसदी’ वापसी करेंगे।
26 वर्षीय रुचिर ने राजस्थान के अलवर जिला क्रिकेट संघ का चुनाव लड़ने का फैसला किया था, क्योंकि उनका कहना है कि राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) में बहुत ज्यादा राजनीति है।
रुचिद ने लंदन से आईएएनएस से कहा, “मैं खुद को पूरी तरह से खारिज नहीं कर रहा हूं, 100 फीसदी। मेरा मतलब है कि मैं खुद को इस साल और अगले साल शामिल नहीं देख रहा हूं। मैं इस समय खुद को पारिवारिक व्यवसाय से जुड़ा हुआ देख रहा हूं, लेकिन मैं भविष्य में इसकी संभावना को 100 फीसदी खारिज नहीं करूंगा।”
उन्होंने आगे कहा कि अलवर जिले के क्रिकेटरों को रणजी ट्रॉफी के विभिन्न टीमों में चयन के लिए टारगेट किया जा रहा है, क्योंकि वह आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत (राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे) के साथ हैं।
रुचिर ने कहा, “इस साल अलवर के लिए चुनाव होने वाले थे। मैंने फैसला किया था कि इसे और अधिक सार्थक बनाया जाए। पहले अलवर के लिए, उनके अध्यक्ष (आरसीए) के लिए वास्तव में राज्य का समर्थन है, क्योंकि हर एक के लिए आरसीए का समर्थन होना बहुत जरूरी है जिला। राजस्थान की टीम में चुने जाने वाले खिलाड़ियों के लिए, रणजी ट्रॉफी टीम में चुने जाने के लिए, उनके आगे बढ़ने और आरसीए अकादमी में आने के लिए मैं जो कुछ भी कर सकूं। मुझे उनके लिए रास्ता खोलने की जरूरत है। यह एक मुख्य कारण था।”
उन्होंने कहा, “दूसरा कारण यह है कि आरसीबी में बहुत ज्यादा राजनीति है। आज के समय में आप देख सकते हैं कि यहां अशोक गहलोत के बेटे आए हैं। मैं राजनीति के खेल में नहीं पड़ना चाहता। मैं आरसीए के लिए कुछ करना चाहता था। मुझे ऐसा करने का मौका नहीं मिला। लेकिन मैं आरसीए के साथ भविष्य में कुछ भी करने की संभावना से इनकार नहीं कर रहा हूं।”
रुचिर ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया क्रिकेट प्रशासन में बने रहने के लिए वह कानूनी लड़ाई में नहीं पड़ना चाहते थे, क्योंकि आरसीए ने संघ में मोदी गुट के प्रति निष्ठा रखने वाले कुछ जिलों के संघ के अध्यक्षों को निलंबित कर दिया है।
उन्होंने कहा, “मुझे यह भी नहीं लगता है कि आरसीए के लिए जो मैं करना चाहता हूं वह मुझे करने का उचित मौका मिलेगा और आरसीए में आने पर इस पर और अधिक ध्यान दिया जाएगा, जहां मुझे देखा जाएगा जैसे कि मैं अपने व्यक्ति के रूप में आ रहा हूं। मुझे लगता है कि मैं आरसीए में जो कुछ भी करता हूं, उससे लोगों को लगता है कि मेरे पिता मुझे पीछे से नियंत्रित कर रहे हैं और इसलिए वे अलवर और अन्य जिलों को निलंबित कर रहे हैं।”
रुचिर ने कहा, “उन्होंने मुझे मौजूदा चुनाव में भी खड़े होने का मौका नहीं दिया। इसलिए मैंने कानूनी लड़ाई में जाने के बजाय कहा कि ‘आइए, हम इस बात पर ध्यान दें कि मैं क्या और अच्छा कर सकता हूं’।”
रुचिर ने कहा, “यह तो समझ में आता था कि एक बैकसीट दृष्टिकोण लिया जाए और चुनाव न लड़ा जाए। लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि 33 में से 17 आरसीए इकाइयां मुझे बुला रही हैं और पिछले चार महीनों से मुझे मैसेज कर रही हैं। वे कह रही हैं कि आप उम्मीदवार बनिए, आप इसे कैसे छोड़ सकते हैं। मुझे लगता है कि यह करना सही था। सबसे पहले, राजस्थान में क्रिकेट के लिए, राजस्थान के लोगों के लिए और मेरे व्यक्तिगत करियर के लिए भी।”
–आईएएनएस
ईजेडए/एसजीके
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…