नई दिल्ली: कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation of All India Traders) ने कर्नाटक सरकार द्वारा ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन के साथ किये गए एक समझौते पर कड़ा रूख अपनाते हुए कर्नाटक मुख्यमंत्री बी. एस येदुरप्पा (Karnataka Chief Minister B.C. S. Yedurappa) को एक पत्र भेजकर कड़ा एतराज जताया है।
कैट ने कहा है कि एक ऐसी कंपनी जो दागी है और जिसके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने जांच शुरू की है और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने भी जिसके खिलाफ जांच का आदेश दिया था और जिसे रुकवाने के लिए कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर है, के साथ समझौता कर कर्नाटक सरकार ने केंद्र सरकार एवं अन्य एजेंसियों के काम को धक्का पहुंचाने का काम किया है।
गुरुवार को कर्नाटक सरकार ने अमेजन के साथ राज्य से ई-कॉमर्स निर्यात को चलाने में मदद हेतु एक समझौता किया है। कैट ने येदुरप्पा से मांग की है कि अमेजन के साथ हुए इस समझौते को तुरंत रद्द किया जाए।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि क्या कर्नाटक सरकार को समझौता करने से पहले ये मालूम नहीं था कि अमेजन के खिलाफ देश भर में लागत से भी कम मूल्य पर माल बेचना, गहरे डिस्काउंट देना, एकल रूप से विभिन्न ब्रांड उत्पादों को अपने पोर्टल पर बेचना जैसे व्यापारिक कुप्रथाओं को लेकर देश भर में एक विरोध का माहौल है और केंद्र सरकार ने इसका संज्ञान लेकर प्रवर्तन निदेशालय को जांच करने का आदेश दिया है।
क्या कर्नाटक सरकार को यह भी नहीं मालूम था की हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायलय ने अपने एक आदेश में अमेजन को एफडीआई पालिसी एवं फेमा कानून के उल्लंघन का दोषी करार दिया है और यदि सरकारी अफसरों ने सरकार को गुमराह किया है तो ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और यदि सरकार को यह मालूम था और फिर भी सरकार ने यह समझौता किया है तो फिर यह विषय केंद्र सरकार एवं भाजपा अध्यक्ष जे.पी.नड्डा के संज्ञान में लाना जरूरी है।
भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि कर्नाटक सरकार द्वारा उठाए गए इस तरह के अवांछित कदम ने केंद्र सरकार द्वारा एफडीआई नीति के प्रेस नंबर 2 के स्थान पर एक ताजा प्रेस नोट जारी करने की आवश्यकता है और जिसे केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल ने स्वीकार करते हुए मंत्रालय के अधिकारियों को नया प्रेस नोट तैयार करने का आदेश भी दिया। अब यह प्रेस नोट जल्द ही जारी किया जाना बेहद जरूरी है।
भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि कर्नाटक सरकार के इस कदम से कैट की उस आशंका को बल मिलता हैं कि न केवल केंद्र सरकार बल्कि राज्य सरकारों में भी ऐसे अधिकारी हो सकते हैं जो अमेजन जैसी कंपनियों को सरकार की पालिसी का उल्लंघन करने में मदद कर रहे हों, इस बात के मद्देनजर कैट शीघ्र ही देश ई कॉमर्स व्यापार में हो रही धांधलियों को लेकर केंद्रीय सतर्कता आयोग को एक शिकायत देकर जांच किये जाने की मांग करेगा। सरकार के स्पष्ट ²ष्टिकोण के बावजूद अमेजन जैसी कंपनियां खुल कर सरकार की नीतियों एवं फेमा कानूनों का उल्लंघन कर रही है जो बेहद आश्चर्य की बात है।
–आईएएनएस
This post was last modified on January 29, 2021 5:27 PM
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