करतारपुर जाने वाले सिख श्रद्धालुओं से ‘जजिया कर’ वसूलने पर भड़की भाजपा

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नई दिल्ली, 19 अक्टूबर, (आईएएनएस)| गुरु नानक की कर्मस्थली करतारपुर गुरुद्वारे के दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं पर पाकिस्तान की ओर से 20 डॉलर टैक्स लगाने को भाजपा ने ‘जजिया कर’ करार दिया है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सरदार आर.पी. सिंह ने पाकिस्तान से इस तरह का टैक्स नहीं लगाने की मांग की है।

उन्होंने शनिवार को आईएएनएस से कहा, “मैं आज ही इमरान खान को इस मसले पर तीखा पत्र लिखूंगा कि अगर उन्हें अपने देश की जर्जर अर्थव्यवस्था को भारतीय श्रद्धालुओं से वसूली कर सुधारनी है तो हमें फौरन बताएं, सिखों की संस्थाएं इतनी सक्षम हैं कि वे पूरे श्रद्धालुओं का एकमुश्त पैसा भर देंगी।”

नवनिर्मित करतारपुर कॉरिडोर गुरुनानक देव की 550वीं जयंती पर खोला जाना है। आगामी आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कॉरिडोर का उद्घाटन करने वाले हैं। इस कॉरिडोर का काम भारत के हिस्से में पंजाब के गुरुदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक से पाकिस्तान से लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन पाकिस्तान के हिस्से में इस कॉरिडोर की प्रगति काफी धीमी है। बहरहाल, इस रास्ते भारत के सिख श्रद्धालु गुरु नानक की कर्मस्थली करतारपुर गुरुद्वारे जाकर दर्शन करेंगे। अभी तक भारत की सीमा में रहकर श्रद्धालु दूरबीन से गुरुद्वारे का दर्शन किया करते थे।

भाजपा सचिव आर.पी. सिंह का कहना है कि हर श्रद्धालु से 20 डॉलर, यानी करीब 1500 रुपये पाकिस्तान वसूलना चाह रहा है। करतारपुर कॉरिडोर खुलने पर हर दिन करीब पांच हजार सिख श्रद्धालु करतारपुर गुरुद्वारे जाएंगे। इस प्रकार एक साल में दो सौ करोड़ से ज्यादा रुपये कमाने पर पाकिस्तान की नजर है।

आर.पी. सिंह ने सवाल किया, “कॉरिडोर पर ज्यादा से ज्यादा सौ करोड़ रुपये की लागत होगी, या जो भी हो। पाकिस्तान हमें सूचित कर दे तो हम सिखों से जुड़ी संस्थाओं से अपील कर एक खाता खुलवा देंगे, जहां से पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर पर आए खर्च, मेंटीनेंस शुल्क ले सकता है।”

उन्होंने कहा, “हम नहीं चाहते कि किसी श्रद्धालु को करतारपुर गुरुद्वारे के दर्शन के लिए एक पैसा भी चुकाना पड़े। सिख ही नहीं, सिंधी और अन्य समुदाय के लोग भी भारत से वहां जाएंगे। गरीब श्रद्धालु भी जाते हैं, उनके लिए 20 डॉलर एक मोटी रकम होती है।”

गौरतलब है कि करतारपुर साहिब, भारत की सीमा से सिर्फ तीन किलोमीटर की दूरी पर पाकिस्तान के नारोवाल जिले में पड़ता है। लाहौर से इसकी दूरी करीब 120 किमी है। सिख धर्म के अनुयायियों के मुताबिक, अपनी चार प्रसिद्ध यात्राओं को करने के बाद गुरु नानक देवजी 1522 से करतारपुर में ही निवास करने लगे थे। उन्होंने जीवन के आखिरी डेढ़ दशक करतारपुर में ही व्यतीत किए थे। बाद में करतारपुर में उनकी याद में गुरुद्वारा बना। पिछले 70 सालों से भारत में रहने वाले सिख वीजा फ्री दर्शन के लिए कॉरिडोर की मांग कर रहे थे। दोनों देशों की ओर से पहल के बाद पिछले साल नवंबर से कॉरिडोर का काम शुरू हुआ था। अब अगले महीने गुरुनानक देव की 550वीं जयंती पर श्रद्धालुओं के लिए कॉरिडोर खोलने की मोदी सरकार ने मंजूरी दी है।

 

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