लखनऊ, 17 अप्रैल (आईएएनएस)। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए किसानों और मजदूरों को हालात पर राहत देने के लिए कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। प्रियंका गांधी ने लिखे दो पेज के पत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 6 बिंदुओं में सलाह दी है।
पत्र में महासचिव ने लिखा है कि “कोरोना महामारी ने आज ज्यादातर क्षेत्रों की कमर तोड़ दी है। प्रदेश का हर एक तबका इस आपदा और इसके आर्थिक व सामाजिक दुष्प्रभावों से परेशान है। कोरोना आपदा की वजह से कई ऐसे आर्थिक व सामाजिक स्तर के मुद्दे हैं जिन पर तुरंत ध्यान देने से आम जन को बहुत राहत मिलेगी।”
उन्होंने किसानों की समस्याओं पर पत्र में लिखा है कि “किसानों की गेहूं की फसल की कटाई का समय चल रहा है। किसान बुरी तरह से परेशान हैं कि कटाई कैसे होगी। प्रदेश में कम्बाइन मशीनों से कटाई की इजाजत भी दे दी है परंतु अभी तक कम्बाइन मशीनों के मालिक प्रशासन से भयभीत हैं। ज्यादातर इन मशीनों के चालक दूसरे प्रदेशों से आते हैं। उनके आने की व्यवस्था की जाए। सही सूचना के अभाव में और जुर्माने के डर से किसान रात-बिरात गेहूं काट रहे हैं।”
उन्होंने पत्र में गन्ना किसानों का बकाया तत्काल भुगतान करने के साथ ही साथ आगामी फसल की खरीद की गारंटी करने की बात लिखी है।
प्रियंका ने लिखा कि “विगत दिनों में उत्तर प्रदेश के किसानों के ऊपर ओलवृष्टि और बेमौसम बारिश की मार पड़ी थी। प्रदेश सरकार मुआवजा देने की भी घोषणा की थी, लेकिन अभी तक किसानों को मुआवजा नहीं मिला है। सभी किसानों को तुरंत मुआवजा दें।”
महासचिव ने पत्र में लिखा है कि “कोरोना महामारी अपने साथ एक आर्थिक तबाही भी लेकर आई है। प्रदेश के कांच उद्योग, पीतल उद्योग, कालीन उद्योग, बुनकरी, फर्नीचर उद्योग, चमड़े का उद्योग, होजरी उद्योग, डेयरी, मिट्टी बर्तन उद्योग, फिशरी-हेचरी उद्योग, अन्य घरेलू उद्योग सभी को तेज झटका लगा है।प्रदेश के लाखों बुनकरों की हालत अत्यंत खराब है।”
उन्होंने मजदूरों और छोटे उद्योगों स्थिति पर मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए लिखा है कि प्रदेश के आर्थिक पुनर्निर्माण के लिए अर्थशास्त्र और योजना निर्माण के जाने माने विशेषज्ञों की एक आर्थिक पुनर्निर्माण टास्कफोर्स गठित की जाए।
गांधी ने पत्र में मुख्यमंत्री को बताया कि “अभी भी बहुत मजदूर परिवारों को राशन व नकदी की किल्लत है। काफी मजदूरों का पंजीकरण न होने से उनको किसी भी राहत योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि बिना पंजीत मजदूरों को भी आर्थिक मदद की गारंटी की जाए। बिना राशनकार्ड धारकों को भी राशन देने की गारंटी की जाए।”
पत्र में लिखा है कि “सक्रिय मनरेगा मजदूरों को फ्री में राशन मिल रहा है, यह सराहनीय पहल है। किंतु उनको कोई आर्थिक राहत नहीं मिली है। उन्होंने पत्र में कहा है कि मनरेगा मजदूरों के लिए घोषित 611 करोड़ रुपया उनका पिछला बकाया था। अब जरूरी है कि मनरेगा मजदूरों के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा की जाए।”
उन्होंने कहा है कि “इस आपदा के समय आम जनों को सहूलियत देकर प्रदेश में इस आपदा के असर को कम करने में इन कदमों पर गौर करना बहुत जरुरी है।”
–आईएएनएस
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…