श्रीनगर | जम्मू एवं कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रविवार को कहा कि वरिष्ठ अलगाववादी व धार्मिक नेता मीरवाइज उमर फारूक को एनआईए का समन ‘कश्मीरियों की धार्मिक पहचान पर सरकार के बार-बार हमले का प्रतीक है।’
महबूबा ने ट्वीट किया, “मीरवाइज फारूक कोई सामान्य अलगाववादी नेता नहीं है। वह कश्मीरी मुस्लिमों के धार्मिक व आध्यात्मिक प्रमुख हैं। एनआईए का उनको समन भेजना भारत सरकार के बार-बार हमारी धार्मिक पहचान पर हमले का प्रतीक है। वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए जम्मू एवं कश्मीर को बलि का बकरा बनाया जा रहा है।”
मीरवाइज उमर फारूक को समन भेजे जाने के खिलाफ श्रीनगर के कई व्यापारियों व कारोबारियों ने दो दिवसीय बंद की घोषणा की है।
फारूक से सोमवार को 2017 के आतंकवादी फंडिग मामले के संबंध में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के मुख्यालय में पूछताछ की जाएगी।
जमात-ए-इस्लामी को प्रतिबंधित करने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं : महबूबा
This post was last modified on March 10, 2019 4:43 PM
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