महान राजनीतिज्ञ और पद्मभूषण से सम्मानित कुंवर नटवर सिंह ने भारत की राजनीति में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। सरकार के कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवा प्रदान कर चुके कुंवर नटवर सिंह का आज जन्मदिन है।
राजनीतिज्ञ, लेखक, पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर कुंवर नटवर सिंह का जन्म 16 मई 1931 को राजस्थान के भरतपुर जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पूरी की। उन्होंने आगे की पढ़ाई इंग्लैंड के कैंब्रिज यूनिवर्सिटी और चीन की पेकिंग यूनिवर्सिटी से पूरी की। कैंब्रिज में नटवर सिंह की मुलाकात कृष्ण मेनन से हुई, जिन्होंने नटवर सिंह को सिविल सर्विसेस इंटरव्यू के लिए कई टिप्स दिए। नटवर सिंह ने सिविल सर्विसेस का एग्जाम क्लियर कर लिया और इंडियन फॉरेन सर्विस के लिए सेलेक्ट हुए। आगे चल कर वह भारत के महान राजनीतिज्ञ बने।
1. नटवर सिंह भारत के पूर्व फॉरेन सर्विस ऑफिसर रहे। वह 1953 में चुने गए और 31 सालों तक अपनी सेवाएं प्रदान की।
2. वर्ष 1953 से 1984 तक नटवर सिंह भारत की प्रशासनिक सेवा में कई वरिष्ठ पदों पर रहे।
3. उन्हें 1961 से 1966 तक भारत में यूनिसेफ कार्यकारी बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया।
4. 1966 में वह प्रधानमंत्री सचिवालय में नियुक्त किए गए। इसी दौरान उन्होंने राष्ट्रमंडल बैठकों में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
5. नटवर सिंह को साल 1984 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया।
6. नटवर सिंह ने कांग्रेस का हाथ वर्ष 1984 में थामा। कांग्रेस के टिकट पर उन्होंने आठवें लोकसभा चुनाव में राजस्थान के भरतपुर से जीत दर्ज की। इसके बाद वर्ष 1985 में सिंह राजीव गांधी की नेतृत्व वाली सरकार में कोयला और खदान मंत्री बनाए गए। इसके बाद वर्ष 1986 से 1989 तक वह विदेश मंत्री भी रहे।
7. नटवर सिंह वर्ष 1987 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा न्यू यॉर्क में आयोजित निरस्त्रीकरण सम्मलेन के अध्यक्ष बने।
8. वह राजस्थान से राजसभा के सदस्य भी रहे। साल 2004 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में उन्हें फिर से विदेश मंत्री बनाया गया। साल 2008 में उन्होंने कांग्रेस को छोड़ समाजवादी पार्टी का साथ चुना।
9. नटवर सिंह को 6 दिसंबर 2005 में विदेश मंत्रालय से हटा दिया गया था। उन्हें यूएन इराकी ऑइल-फॉर-फ़ूड स्कैंडल में उनके शामिल होने के कारण पद से हटाया गया।
10. कुंवर नटवर सिंह सबसे ज्यादा अपनी आत्मकथा को लेकर चर्चा में रहे। अगस्त 2014 में आई नटवर सिंह आत्मकथा ‘वन लाइफ इस नॉट इनफ’ ने भारत की राजनीती में तहलका सा मचा दिया था। किताब में 2004 का जिक्र करते हुए बताया था कि सोनिया गांधी प्रधानमंत्री क्यों नहीं बनी थी। नटवर सिंह ने अपनी किताब में लिखा है कि दो हजार चार में सोनिया गांधी ने राहुल गांधी के दबाव में प्रधानमंत्री नहीं बनी थी। इसके अलावा नटवर सिंह ने अपनी किताब में ये भी लिखा है कि यूपीए शासनकाल के दौरान में अहम फैसले सोनिया की मंजूरी के बिना नहीं होते थे।
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