नई दिल्ली, 8 फरवरी (आईएएनएस)। एनर्जी प्रमुख ओएनजीसी लद्दाख में भारत की पहली भू-तापीय क्षेत्र विकास परियोजना (जियोथर्मल फील्ड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट) शुरू करेगी।
योजना को औपचारिक रूप देने के लिए ओएनजीसी एनर्जी सेंटर (ओईसी) और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख एवं लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
कंपनी ने एक बयान में कहा, ओएनजीसी की इस परियोजना से भारत भू-तापीय बिजली के मामले में वैश्विक मानचित्र पर आ जाएगा।
ओएनजीसी के बयान के अनुसार, भू-तापीय संसाधनों के विकास से लद्दाख में खेती में क्रांति आ सकती है। फिलहाल इस क्षेत्र में पूरे साल ताजी सब्जी, फल की आपूर्ति बाहर से होती है। प्रत्यक्ष ऊष्मा ऊर्जा अनुप्रयोग इसे लद्दाख के लिए सबसे अधिक प्रासंगिक बनाते हैं।
बयान के अनुसार, ओएनजीसी ने तीन चरणों में इसके विकास की योजना बनाई है।
कंपनी ने अपने बयान में कहा, पहले चरण में 500 मीटर की गहराई तक कुओं की खुदाई की जाएगी। यह खोज-सह-उत्पादन अभियान होगा। इसमें पायलट आधार पर एक मेगावाट तक की क्षमता के संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। दूसरे चरण में भू-तापीय क्षेत्र के लिए और गहराई में खोज की जाएगी। इसके तहत अनुकूलतम संख्या में कुओं की खुदाई की जाएगी और उच्च क्षमता के संयंत्र लगाए जाएंगे तथा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
बयान में बताया गया, तीसरे चरण में भू-तपीय संयंत्र का वाणिज्यिक विकास किया जाएगा।
इस समय पूर्वी लद्दाख में पुगा और चुमाथांग भारत में सबसे अधिक आशाजनक भूतापीय क्षेत्र हैं।
–आईएएनएस
एकेके/एसजीके
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