बॉलीवुड के सबसे ख़ूबसूरत चेहरों की जब भी बात होती है तो लोग मधुबाला का नाम सबसे पहले लेते हैं। मोहक, ख़ूबसूरत, दिलकश और ताज़गी से भरपूर, जिसके चेहरे से नूर टपकता रहा हो, तो आप मधुबाला के अलावा शायद ही किसी दूसरे चेहरे के बारे में सोच पाएं।
मधुबाला की ख़ूबसूरती का अंदाज़ा लगाना हो तो 1990 में एक फ़िल्मी पत्रिका मूवी के बॉलीवुड की आल टाइम ग्रेटेस्ट अभिनेत्रियों की लोकप्रियता वाले सर्वेक्षण को देखिए, उसमें 58 फ़ीसदी लोगों के वोट के साथ मधुबाला नंबर एक पर रहीं थीं, उनके आसपास कोई दूसरा नहीं पहुंच पाया था। इसमें नरगिस 13 फ़ीसदी वोटों के साथ दूसरे पायदान पर रहीं थीं। शोख और अल्हड़ अंदाज़ के साथ अपनी ख़ूबसूरती के लिए मशहूर मधुबाला को गुजरे पांच दशक हो चुके हैं लेकिन आज भी उनके चाहने वाले उन्हें जिस शिद्दत से याद करते हैं, उसकी दूसरी मिसाल नहीं मिलती।
मधुबाला अपने माता-पिता ही नहीं, 11 भाई बहन वाले परिवार में इकलौती आजीविका कमाने वाली थीं। पिता लाहौर में इंपीरियरल टौबेको कंपनी में काम किया करते थे। वो नौकरी छूटी तो दिल्ली आए और फिर दिल्ली से बंबई पहुंचे तो यही ध्यान था कि ख़ूबसूरत मधुबाला को फ़िल्मों में काम मिल जाएगा।
असल नाम मुमताज
उनका असल नाम मुमताज जहां देहलवी था। उन्होंने बहुत ही कम उम्र में फिल्म में काम करना शुरू कर दिया था। जब सिर्फ 9 साल की थीं तो बसंत फिल्म में काम किया। यह उनकी पहली फिल्म थी। यूसुफ खां को दिलीप कुमार बनने में मदद करने वाली अभिनेत्री देविका रानी ने मधुबाला को अपना नाम बदलने का सुझाव दिया। 14 साल की उम्र में उन्होंने नील कमल में काम किया। यह पहली फिल्म थी जिसमें उनको लीड रोल मिला। फिल्म के हीरो राज कपूर थे। यह उनकी आखिरी फिल्म थी जिसमें उनका नाम मुमताज जहां देहलवी था। उसके बाद उनको मधुबाला के नाम से जाना गया।
हॉलिवुड में भी जलवा
मधुबाला के हुस्न के चर्चे दुनिया भर में थे। अकैडमी अवॉर्ड विजेता निदेशक फ्रैंक कापरा ने उनसे मिलने और हॉलिवुड की फिल्मों में रोल देने की इच्छा जताई थी। कहानी कुछ यूं है। कापरा इंटरनैशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में हिस्सा लेने के लिए बॉम्बे (अब मुंबई) आए हुए थे। उन्होंने मधुबाला से मिलने की इच्छा जताई। एक इंटरव्यू में कहा था कि वह उनके सौंदर्य को देखकर मंत्रमुग्ध हैं। जब उन्होंने एक मैगजीन के कवर पर मधुबाला को देखा तो हॉलिवुड की एक फिल्म में रोल देने की पेशकश रखी। यह पेशकश जब मधुबाला के पिता के सामने रखी गई तो उन्होंने खारिज कर दी।
दिल की बीमारी
मधुबाला को दिल की बीमारी थी। उनके दिल में छेद था। मद्रास में चालाक फिल्म की शूटिंग के दौरान इसका पता चला था। उनको खून की उल्टी हुई थी। इसके बाद उनको तीन महीने तक बेड रेस्ट करने को कहा गया लेकिन मधुबाला ने काम जारी रखा।
प्रेम कथाएं
मधुबाला छह महीने तक प्रेमनाथ के साथ संबंध में रहीं। दोनों के बीच धर्म की वजह से ब्रेकअप हो गया। इसके बाद वह दिलीप कुमार के प्यार में पड़ गईं और 9 सालों तक उनका अफेयर चला। फिल्म नया दौर की शूटिंग के दौरान एक केस की वजह से दोनों का संबंध खत्म हो गया। बाद में उनकी शादी महान गायक किशोर कुमार से हुई। तीन सालों तक डेटिंग के बाद दोनों ने 1960 में शादी की। शम्मी कपूर ने भी उनसे शादी का प्रस्ताव रखा था लेकिन मधुबाला ने मना कर दिया था।
मौत
दिल की बीमारी की वजह से उनकी हालत खराब होती गई। डॉक्टरों ने कहा था कि वह सिर्फ दो साल जिंदा रह पाएंगी। मुगल-ए-आजम की शूटिंग के बाद नौ सालों तक वह बिस्तर पर रहीं। 23 फरवरी, 1969 को इस महान अदाकारा ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
भारतीय डाक सेवा ने 18 मार्च, 2008 को मधुबाला की याद में एक डाक टिकट जारी किया था, इस मौके पर फ़िल्म अभिनेता मनोज कुमार ने कहा था, मधुबाला देश का चेहरा थीं। शताब्दी में कोई एक मधुबाला ही हो सकती हैं। जब भी उन्हें मैं देखता था तो मेरे दिल में ग़जल गूंजने लगती थी।
वाकई में मधुबाला कोई दूसरी नहीं हो सकती थीं, जिसकी तस्वीर देखने मात्र से दिलों में संवेदनाओं के तार झंकृत होने लगते हों। हमारे भी और आपके भी।
This post was last modified on February 23, 2020 10:53 AM
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