फिल्मों से लेकर आम जिंदगी तक पिता के जायदाद पर बच्चों का अधिकार देखने को मिलता है। लेकिन अगर आपको बताएं कि किसी ने अपनी जमीन जायदाद अपने कुत्ते के नाम कर दी है तो आप कैसे रिएक्ट करेंगे। कुछ ऐसा ही मामला देखने को मिला मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में।
एमपी के बाड़ीबाड़ा गांव में रहने वाले एक किसान ओम नारायण ने अपनी जायदाद का आधा हिस्सा अपने कुत्ते जैकी और आधा हिस्सा अपनी पत्नी चंपा के नाम कर दिया है। लेकिन ओम नारायण ने ऐसा क्यों किया?
खबरों की मानें तो किसान ओम नारायण अपने बेटों के व्यवहार से तंग थे। यही कारण है कि उन्होंने अपनी पत्नी और कुत्ते के नाम अपनी जायदाद आधी-आधी करने का फैसला लिया। ऐसा कहा जा रहा है कि, ओम नारायण और उनके बेटों की बीच रोज विवाद होता था। इसी के चलते उन्होंने अपने बेटों को जायदाद का हिस्सेदार नहीं बनाया।
कानूनी शपत्र पत्र बनाकर ओम नारायण ने कुत्ते को अपनी जायदादा का वारिस घोषित किया है। ओम नारायण ने वसीयत में लिखा है कि ‘मेरी सेवा मेरी पत्नी और पालतू कुत्ता करता है इसलिए वह मुझे सबसे अधिक प्रिय हैं।
उन्होंने वसीयत में आगे लिखा कि मेरे मरने के बाद पूरी संपत्ति और जमीन-जायदाद के हकदार मेरी पत्नी चंपा वर्मा और पालतू कुत्ता होगा। कुत्ते की सेवा करने वाले को जायदाद का अगला वारिस माना जाएगा।
पारिवारिक विवाद के चलते ओम नारायण ने गुस्से में अपने कुत्ते के नाम 2 एकड़ जमीन कर दी है। ओम नारायण के मरने के बाद परिवार में जो भी व्यक्ति कुत्ते की सेवा करेगा वो जायदाद उसे ही मिलेगी।
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