चंडीगढ़, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। केन्द्र के 3 कृषि कानूनों को रद्द करते हुए पंजाब विधानसभा में अपनी सरकार द्वारा 4 बिल पेश करने के दौरान मंगलवार को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा और शांति को खतरा होने की चेतावनी दी है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि वह इस्तीफा देने या सरकार के बर्खास्त होने के लिए भी तैयार हैं लेकिन ‘पंजाब के किसानों के साथ अन्याय’ नहीं होने देंगे।
अपने विशेष सत्र के दूसरे और अंतिम दिन विधानसभा में उन्होंने केंद्रीय कृषि कानूनों के कारण सीमावर्ती राज्य की शांति और राष्ट्रीय सुरक्षा को संभावित खतरा होने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि कोई भी धार्मिक भावनाओं को लगनी वाली ठेस और रोजी-रोटी पर हमले को बर्दाश्त नहीं कर सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं इस्तीफा देने से नहीं डरता हूं। अगर मेरी सरकार बर्खास्त होती है तो भी मैं डरने वाला नहीं हूं। लेकिन मैं किसानों को नुकसान नहीं होने दूंगा, न उन्हें बर्बाद होने दूंगा।” उन्होंने कहा कि मैंने 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के मौके पर सिखों के साथ अन्याय को स्वीकार करने की बजाय सरकार छोड़ने का विकल्प चुना था।
केन्द्र को सीधी चेतावनी देते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा, “अगर कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता है, तो गुस्साए युवा, किसानों का साथ देने के लिए सड़कों पर उतर सकते हैं, अराजकता फैल सकती है। जिस तरह से चीजें चल रही हैं वे राज्य का शांतिपूर्ण माहौल बिगाड़ सकती हैं।”
उन्होंने कहा, “80 और 90 के दशक में भी यही हुआ था जब सिख उग्रवाद ने पंजाब को जकड़ लिया था। चीन और पाकिस्तान राज्य के ऐसे हालातों का फायदा उठाने की कोशिश करेंगे, जो पूरे देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करेगा।”
उन्होंने आगे कहा, “कृषि कानूनों के नाम पर हमने वास्तव में व्यापार कानूनों को लागू किया है। यह ऐसे किसान नहीं हैं, जिनकी पहुंच राष्ट्रीय स्तर तक होगी, लेकिन व्यापारियों की होगी इसलिए इस कानून में ‘व्यापार क्षेत्र’ शब्द का उपयोग भी होता है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस स्थिति से असहज और परेशान थे। सरकार ने कोविड-19 संकट के बीच किसानों को ऐसे कानूनों के जरिए और परेशान किया है।
उन्होंने कहा कि किसानों के पास खुद को और अपने परिवार को बचाने के लिए लड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है और मैं उनका पूरा साथ दूंगा। अमरिंदर सिंह ने किसानों से अपील की कि वे ‘रेल रोको’ आंदोलन छोड़कर और सड़कों से जाम हटाकर जरूरी वस्तुओं की आवाजाही होने दें।
ये तीनों विधेयक — कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर कृषक (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 हैं, जिनका पंजाब सरकार विरोध कर रही है।
–आईएएनएस
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