मौलाना फजलुर का धरना जारी रखने का फैसला

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इस्लामाबाद, 4 नवंबर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री इमरान खान के इस्तीफे को लेकर निर्धारित दो दिन की समय सीमा पर पाकिस्तान सरकार की ओर से कोई खास प्रतिक्रिया नहीं मिलने और प्रमुख विपक्षी दलों का भी खास सहयोग नहीं मिलने के बाद जेयूआई-एफ के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने यहां चल रहे अपने धरने को जारी रखने का फैसला किया है और देश भर में विरोध प्रदर्शन फैलाने की धमकी दी। डॉन न्यूज के मुताबिक, राजधानी के संवेदनशील ‘रेड जोन’ क्षेत्र की ओर मार्च करने के अपने कथित फैसले के बाद, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम सुप्रीमो ने रविवार को अपने समर्थकों से कहा कि वह भावी कदमों पर चर्चा के लिए सोमवार को विपक्षी दलों के प्रमुखों की बैठक बुलाने की कोशिश कर रहे हैं।

हालांकि, देश के दो सबसे बड़े विपक्षी दलों -पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के कई नेताओं और पदाधिकारियों ने कहा है कि उनके प्रमुखों शहबाज शरीफ और बिलावल भुट्टो-जरदारी के इतने कम समय में इस्लामाबाद पहुंचने की संभावना कम है।

रहमान ने फिर संकेत दिया कि उनकी डी-चौक या प्रधानमंत्री सदन की ओर बढ़ने की कोई योजना नहीं है, लेकिन साथ ही यह भी घोषणा की कि “सरकार को बेदखल करने के लिए उनका आंदोलन जारी रहेगा।”

हालांकि, अपने कार्यकर्ताओं के डी-चौक की ओर मार्च नहीं करने के अपने फैसले का बचाव करते हुए, जिसके परिणामस्वरूप कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सीधे टकराव हो सकता है, जेयूआई-एफ प्रमुख ने दावा किया कि यह उनकी पार्टी थी, जिसने अब तक देश के युवाओं को हथियार उठाने और हिंसा और आक्रामकता से दूर रखा था।

उन्होंने कहा, “आज कई पत्रकारों ने मुझसे बात की और उन्होंने हमारे संयम को हार के रूप में वर्णित किया। हम कहते हैं कि हम वापस चले जाएंगे, लेकिन केवल कुछ हासिल करने के बाद और सरकार के खिलाफ एक जबरदस्त हमला बोलने के बाद।”

रहमान ने कहा कि “आज हम इस्लामाबाद में इकट्ठे हुए हैं। कल हम पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करेंगे और आप इसे देखेंगे।”

जेयूआई-एफ सुप्रीमो ने अपने सरकार विरोधी आजादी मार्च को अपनी पार्टी का ‘प्लान ए’ करार दिया। उन्होंने कहा कि उनके पास ‘प्लान बी’ और ‘प्लान सी’ भी हैं।

उन्होंने एक देशव्यापी विरोध प्रदर्शन और योजना बी और सी के हिस्से के रूप में पार्टी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी देने के संकेत देते हुए कहा, “आपकी (सरकार) जेलें कम पड़ जाएंगी।”

पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ सरकार को गिराने के लिए जेयूआई-एफ द्वारा आहूत ‘आजादी मार्च’ ने 31 अक्टूबर की रात इस्लामाबाद में प्रवेश किया था।

 

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