नई दिल्ली, 12 नवंबर (आईएएनएस)| कांग्रेस कुछ मुद्दों पर शिवसेना को लेकर सहज नहीं है और वह उसके नखरे से वाकिफ है, इसलिए कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व राज्य में एक नया राजनीतिक गठजोड़ बनाने से पहले न्यूनतम साझा कार्यक्रम चाहती है। कांग्रेस सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि सबसे पहले उसके और गठबंधन साझेदार राकांपा के बीच सहमति बननी चाहिए। उसके बाद समर्थन के मुद्दे पर शिवसेना से बातचीत की जा सकती है।
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस नेता अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे और के.सी. वेणुगोपाल राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से बातचीत करने मुंबई पहुंचे हैं, जिन्हें गठबंधन की रूपरेखा और न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर चर्चा करने के लिए अधिकृत किया गया है।
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस राज्यसभा सीटों के संदर्भ में लाभ चाहती है, क्योंकि ऊपरी सदन में संप्रग की संख्या पिछले कई महीनों से घट रही है।
कांग्रेस में दो विचार हैं। राज्य नेतृत्व सरकार में साझेदारी चाहता है, जबकि केंद्रीय नेतृत्व सिर्फ बाहर से समर्थन देना चाहता है और संसद के ऊपरी सदन के लिए सीटों पर मोलतोल करना चाहता है।
कांग्रेस के लिए एक संभावित परिदृश्य यह हो सकता है कि बाहर से समर्थन की स्थिति में वह विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद अध्यक्ष के पद चाहे, जिसकी गठबंधन सरकार में प्रमुख भूमिका होती है।
कांग्रेस नगरपालिका और नगरनिगमों में अपने नेताओं को पद दिए जाने की मांग कर सकती है।
यदि पार्टी गठबंधन का हिस्सा बनने का निर्णय लेती है तो वह बराबर मंत्री पद और उपमुख्यमंत्री का पद मांग सकती है।
सूत्रों का कहना है कि राकांपा रोटेशनल मुख्यमंत्री के लिए दबाव बना सकती है, लेकिन यह बातचीत पर निर्भर करेगा।
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