नई दिल्ली । केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए 30 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने की वकालत की है। रामदास अठावले ने मंगलवार को आईएएनएस को दिए इंटरव्यू के दौरान प्रवासी मजदूरों के पैदल घर जाने पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अगर खाने-पीने की दिक्कत न होती तो मजदूर पैदल घर जाने को मजबूर न होते। हालांकि उन्होंने मजदूरों के पैदल जाने के निर्णय को गलत भी बताया। उन्होंने अपनी एक कविता के जरिए लोगों से अपील करते हुए कहा, ‘हम अभी हैं गंभीर मोड़ पर, क्यों आ रहे हो आप रोड पर।’
अठावले ने महाराष्ट्र में 23 हजार से ज्यादा कोरोना के मामले होने पर उद्धव ठाकरे सरकार को इस महामारी से निपटने में विफल बताया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और सांसद राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें हर अच्छी बात का भी विरोध करने की आदत है।
उन्होंने आईएएनएस से कहा, “अगर नरेंद्र मोदी सरकार ने समय रहते लॉकडाउन जैसा कदम नहीं उठाया होता तो देश में हजारों नहीं बल्कि लाखों की संख्या में केस होते। वहीं देश में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा भी कई गुना होता। अमेरिका जैसे देश ने लॉकडाउन का कदम नहीं उठाया, जिसके कारण वहां तबाही मच गई। देश में लॉकडाउन के कारण लोगों को घरों में रहने की आदत हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का यह कहना गलत है कि लॉकडाउन की घोषणा से पहले केंद्र सरकार ने कोई योजना नहीं बनाई।”
रामदास अठावले ने कहा, “मुझे लगता है कि जहां-जहां रेड जोन हैं, वहां 30 मई तक लॉकडाउन बढ़ाना चाहिए। अगर फिर भी केस नहीं कम होते हैं तो रेड जोन वाले स्थानों पर 30 मई के बाद भी लॉकडाउन बढ़ाना चाहिए। जहां-जहां ग्रीन जोन हैं, वहां आर्थिक गतिविधियां भी शुरू करनी चाहिए। अभी तक 25 हजार से ज्यादा स्माल स्केल इंडस्ट्रीज का संचालन शुरू हुआ है।”
रामदास अठावले ने देश में कोरोना संक्रमितों की लगातार बढ़ती संख्या के पीछे लॉकडाउन उल्लंघन का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि सब्जी मंडियों आदि स्थानों पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ने से सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ गईं। इससे देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। लोगों को सावधानियां बरतनी चाहिए।
प्रवासी मजदूरों के पैदल घर जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि छोटे-छोटे बच्चों को लेकर मजदूरों का पैदल चलकर जाने का निर्णय गलत है। लेकिन खाने-पीने की व्यवस्था रहती तो शायद मजदूर पैदल घर जाने को मजबूर न होते। मेरी मजदूरों से अपील है कि वे बच्चों को लेकर पैदल जाने की जगह नजदीकी रेलवे स्टेशन पर जाएं और फिर प्रशासन उन्हें व्यवस्था कर घर भेजे।”
रामदास अठावले ने कहा, “मजदूरों से किराया लेना गलत है। वह इस संकट में कहां से किराया देंगे। हालांकि राज्य सरकारों ने किराया वहन करने की बात कही है। मेरा मानना है कि मजदूरों की इन समस्याओं पर कहीं ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।”
उन्होंने कहा कि सरकार ने कुछ कोशिशें जरूर कीं, फिर भी राज्य में कोरोना वायरस को रोकने में सफलता नहीं मिली है। ऐसे में यह सरकार की विफलता कही जाएगी। रामदास अठावने ने प्रवासी मजूदूरों के मुद्दे पर भी उद्धव ठाकरे की घेराबंदी करते हुए कहा, “अगर राज्य सरकार ने मजदूरों को राशन, भोजन की दिक्कतें दूर की होती तो आज उन्हें पैदल अपने राज्यों के लिए रवाना न होना पड़ता।”
रामदास अठावले ने कहा, “उद्धव ठाकरे सरकार मुंबई में लोकल ट्रेनों का संचालन करना चाहती है। अगर लोकल ट्रेनों का संचालन हुआ तो फिर भीड़ टूट पड़ेगी। पुलिस सोशल डिस्टेंसिंग नहीं करा पाएगी। ऐसे में मुंबई में भारी संख्या में कोरोना के मामले बढ़ जाएंगे।”
दो महीने पहले ‘गो कोरोना गो’ का नारा देकर सुर्खियों में रहे केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने आईएएनएस से इंटरव्यू के दौरान अब एक नई कविता के जरिए देशवासियों से अपील की है। उन्होंने कहा-
‘कोई भी मत आइए रोड पर, मैं विनती करता हूं हाथ जोड़कर
हम अभी हैं गंभीर मोड़ पर, क्यों आ रहे हो आप रोड पर
कोई भी आप मत रोना, क्योंकि बहुत जल्द जाएगा यहां से कोरोना।’
–आईएएनएस
This post was last modified on May 12, 2020 6:17 PM
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