भोपाल, 28 जून (आईएएनएस)| इंदौर की राजनीति में कैलाश विजयवर्गीय की आक्रामक नेता की छवि रही है। अब उनके विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय चर्चा में हैं। उन्होंने इंदौर के गंजी कंपाउंड स्थित जर्जर मकान को गिराने गए नगर निगम के अमले में शामिल अधिकारी धीरेंद्र बायस पर क्रिकेट का बल्ला चला दिया। इस घटना ने पिता कैलाश विजयवर्गीय के राजनीतिक अंदाज की याद ताजा कर दी है।
लगभग दो दशक पहले का वाकया है। स्थानीय लोगों की पानी की समस्या को लेकर कैलाश विजयवर्गीय नगर निगम आयुक्त के आवास का घेराव करने पहुंचे थे। यहां विजयवर्गीय ने तब एक अधिकारी के सामने जूता तान लिया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के.के .मिश्रा ने शुक्रवार को इस घटना का एक चित्र मीडिया को जारी किया है। चित्र में विजयवर्गीय एक अफसर के सामने जूता ताने दिख रहे हैं।
इस बारे में मिश्रा ने आईएएनएस से कहा, “यह घटना वर्ष 1994 की है, जब विजयवर्गीय विधायक हुआ करते थे। उनका वहां मेयर हाउस के पास विवाद हुआ। इस दौरान उन्होंने वहां तैनात आईपीएस अधिकारी प्रमोद फलणीकर पर जूता चलाया था। अब उनके बेटे ने नगर निगम के अधिकारी पर बल्ला चलाया है। यही है संस्कारवान बेटा।”
लेकिन राज्य की कानून-व्यवस्था को लेकर कमलनाथ सरकार पर भाजपा लगातार हमले करती रही है। इस बारे में मिश्रा ने कहा, “बल्लभ भवन हिला देने की गीदड़ भभकी देने वाले शिवराज सिंह चौहान यह भी कहते हैं कि टाइगर अभी जिंदा है। पर आकाश विजयवर्गीय से संबद्घ मामले में टाइगर, मेमना हो गया है।”
भाजपा के वरिष्ठ नेता और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के पूर्व अध्यक्ष डॉ. हितेश वाजपेयी विजयवर्गीय और उनके पुत्र पर कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों को हल्की राजनीति का हिस्सा मानते हैं।
उन्होंने आईएएनएस से कहा, “कांग्रेस को न तो कभी जनता की फिकर रही है और न ही उसने कभी उनके दर्द को समझकर उनके लिए लड़ाई लड़ी, न सदन में और न सड़क पर ही। यही कारण है कि कांग्रेस नेता उस हर घटना का मजाक उड़ाते हैं, जिसमें गरीब के हक की लड़ाई लड़ते नेता दिखाई पड़ते हैं। कांग्रेस पूंजीपतियों की पार्टी है, इसलिए वे गरीबों का दर्द नहीं समझेंगे, उनके लिए नहीं लड़ेंगे और न ही उनके लिए जेल जाएंगे।”
हालांकि कैलाश विजयवर्गीय और आकाश को करीब से जानने वाले दोनों को अलग-अलग मानते हैं। विजयवर्गीय परिवार को करीब से जानने वाले ऐसे ही एक व्यक्ति ने नाम न जाहिर करने के अनुरोध के साथ कहा, “दोनों की कार्यशैली अलग-अलग है। कैलाश विजयवर्गीय की राजनीति आक्रमक रही है। वह हमेशा ही राजनीति में तीखे तेवरों के लिए जाने जाते रहे हैं। उनका अपने विरोधियों से निपटने का तरीका भी अलग है। आकाश उनसे अलग रहे हैं। वह गंभीर रहे हैं और युवाओं में धार्मिकता लाने के लिए एक संगठन भी चलाते हैं। लेकिन इस घटना को बदलते आकाश के तौर पर देखा जा रहा है।”
अफसर को पीटने के बाद का आकाश का बयान भी खूब चर्चा में रहा है। उन्होंने कहा था, “भाजपा ने सिखाया है। पहले आवेदन, फिर निवेदन और फिर दे दनादन। हमने हाथ जोड़कर निवेदन कई बार किया, अभी तो यह सिर्फ शुरुआत है। अब यह लड़ाई इनके खात्मे के साथ खत्म होगी।”
लेकिन भाजपा से ही संबंध रखने वाली इंदौर की महापौर मालिनी गौड़ आकाश से इत्तेफाक नहीं रखतीं। वह निगम के अमले के साथ हैं। उन्होंने इस घटना के बाद कहा था, “नगर निगम ने जर्जर मकानों को तोड़ने की सूची बनाई है। आकाश को मौके पर जाने से पहले बात करनी चाहिए थी।”
गौरतलब है कि इंदौर के गंजी कंपाउंड में एक जर्जर मकान को गिराने गए नगर निगम के अमले के एक अधिकारी की आकाश ने क्रिकेट के बल्ले से पिटाई कर दी थी। इस घटना के बाद से आकाश जेल में हैं। इसे लेकर सियासत गरमा गई है।
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